New Delhi, 1 अक्टूबर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के अवसर पर Rajasthan Government के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि India में समाज एकजुट होकर रहता है और यह समाज ही देश को दिशा प्रदान करता है. मेरा मानना है कि Government समाज को दिशा नहीं देती, बल्कि समाज स्वयं मार्गदर्शन करता है.
उन्होंने कहा कि समाज को दिशा प्रदान करने के लिए अनुशासन, त्याग और समर्पण आवश्यक हैं. आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसने कठिन समय में भी अनुशासन और त्याग के माध्यम से अपना कार्य जारी रखा है. आरएसएस का शताब्दी वर्ष गर्व का क्षण है और यह संगठन समाज को संगठित और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आरएसएस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन कठिन परिस्थितियों में भी अनुशासन और त्याग के साथ कार्य करता रहा है. जो विचारधारा भारतीय संस्कृति से जुड़ी है, वह गलत नहीं हो सकती. समाज को दिशा दिखाने का कार्य देश को मजबूत करने का कार्य है.
राठौर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब केवल आरोप लगाने वाली और मुद्दा विहीन पार्टी बनकर रह गई है. जनता ऐसी पार्टियों को पहचान चुकी है और उन्हें उनकी सही जगह दिखाने का काम कर रही है.
वहीं, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आरएसएस के जिला कार्यवाहक कैलाश नाहक ने शताब्दी समारोह को ऐतिहासिक बताया.
उन्होंने कहा, “संघ का स्वयंसेवक होना गर्व की बात है. Prime Minister Narendra Modi से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक कई बड़े नेता संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. पिछले 100 वर्षों से आरएसएस समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है, न कि केवल संगठन को.”
उन्होंने कहा, “जिस देश में सबसे अधिक देशभक्त होंगे, वह विश्व का अग्रणी देश होगा. कोई हमें पीछे नहीं कर सकता.”
नाहक ने Prime Minister मोदी द्वारा जारी किए गए डाक टिकट को सम्मान का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि जब भी देश में संकट आया, संघ के स्वयंसेवकों ने प्राणों की बाजी लगाकर समाज सेवा की है. चाहे प्राकृतिक आपदा हो या सामाजिक संकट, आरएसएस के स्वयंसेवक हमेशा अग्रणी रहे हैं. पीएम मोदी ने जिस तरह का सम्मान आरएसएस के प्रति दिखाया है, वो प्रशंसनीय है.
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एकेएस/डीएससी