सुप्रिया सुले ने अनिल देशमुख पर हमले की पुलिस रिपोर्ट पर सवाल उठाए, बोलीं- सब कुछ झूठ नहीं हो सकता

Mumbai , 1 अक्टूबर . एनसीपी-शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने Maharashtra के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कथित हमला मामले में Police की क्लोजिंग रिपोर्ट के बाद सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख पर जब हमला हुआ था, तब वे पूरी तरह खून से लथपथ थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां तक कि उन्हें आईसीयू में भी रखना पड़ा. यह सब कुछ झूठ नहीं हो सकता है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और Maharashtra के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर विधानसभा चुनाव के समय कथित तौर पर हमला हुआ था. इस मामले में Maharashtra Police ने हमले जैसे आरोपों को गलत बताते हुए नागपुर सेशन कोर्ट में एक ‘बी फाइनल’ रिपोर्ट पेश की.

इस पर आश्चर्य जताते हुए सुप्रिया सुले ने Wednesday को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजनीति कहां तक पहुंच गई है? अनिल देशमुख के ऊपर इतने आरोप-प्रत्यारोप हुए. उनको जेल भी भेजा गया था. उन्हें कोर्ट से राहत मिली. उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि उन पर बड़ा हमला हुआ था और सबने उनका खून देखा था. फिर भी इस तरह के दावे किए जा रहे हैं.”

सुप्रिया सुले ने 26/11 हमले से जुड़ी कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की हालिया टिप्पणी पर उनका बचाव करने की कोशिश की.

उन्होंने कहा, “बयान कोई आश्चर्यजनक नहीं है. बहुत सारी चीजों को लेकर राजनीति होती है. कई चीजें बहुत अलग लेवल पर होती हैं, जिनका हमें पता नहीं होता है. अब पी. चिदंबरम ने किस संदर्भ में यह कहा है, इसके बारे में उनसे पूछना पड़ेगा.”

दरअसल, पी. चिदंबरम ने 26/11 Mumbai आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव की भूमिका का खुलासा किया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “वे Pakistan के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन अंत में उन्हें मना कर दिया गया था. संयम बरतने का फैसला वैश्विक दबाव में लिया गया था.”

बिहार में एसआईआर की फाइनल लिस्ट जारी होने के सवाल पर सांसद सुप्रिया सुले ने बताया, “उन्होंने तेजस्वी यादव से फोन पर बात की है. वहां जमीनी स्तर पर क्या रिपोर्ट है, इस बारे में वह हमें जल्द जानकारी देंगे.”

इसी दौरान, सुप्रिया सुले ने पूरे देश में एसआईआर कराने का समर्थन किया. उन्होंने कहा, “बिहार, Maharashtra नहीं, पूरे देश में एसआईआर होनी चाहिए. वोटर कार्ड एक ही होना चाहिए. देश किसी की मर्जी से नहीं चलता है, यह संविधान से चलता है.”

डीसीएच/एबीएम