अमेरिका में शटडाउन का भारतीय दूतावास के ‘एक्स’ अकाउंट पर भी हुआ असर

New Delhi, 1 अक्टूबर . अमेरिका के सीनेट में President डोनाल्ड ट्रंप अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं करवा पाए. इसकी वजह से अमेरिका में Governmentी कामकाज ठप हो गया है. इसका असर अमेरिका में भारतीय दूतावास के एक्स अकाउंट पर भी देखने को मिला.

अमेरिका में भारतीय दूतावास के एक्स अकाउंट की ओर से जानकारी साझा कर लिखा गया, “विनियोजन में चूक के कारण, केवल अत्यावश्यक सुरक्षा और संरक्षा जानकारी को छोड़कर इस एक्स खाते को तब तक नियमित रूप से अद्यतन नहीं किया जाएगा, जब तक कि पूर्ण परिचालन पुनः शुरू नहीं हो जाता.”

बता दें कि अमेरिका की ट्रंप Government ने अपनी वापसी के बाद वन बिग ब्यूटीफुल बिल को पास किया. अब इस बिल की फंडिंग को लेकर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने अस्थायी फंडिंग बिल का प्रस्ताव डाला, जिसे सीनेट में पास नहीं किया जा सका.

डेमोक्रेट्स इस साल की शुरुआत में पारित हुए “बिग ब्यूटीफुल बिल” में स्वास्थ्य सेवा में कटौती को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेट्स की मांगों से असहमति जताते हुए 21 नवंबर तक फंडिंग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था.

अमेरिकी President को इस बिल को पास कराने के लिए 100 सदस्यों वाले सीनेट में 60 वोटों की दरकार थी, लेकिन वह 53 वोट ही जुटा सके. इसके अलावा उनके विरोध में 45 वोट पड़े.

डेमोक्रेटिक नेताओं ने Monday को अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए. मुलाकात के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर का मजाक उड़ाया गया.

बिल पेश करने से पहले अमेरिकी President ने संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की भी धमकी दी. President ट्रंप ने कहा, “जब आप इसे बंद करते हैं, तो आपको छंटनी करनी पड़ती है, हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे.”

बता दें, ‘द बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर ही अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप और ‘एक्स’ के मालिक एलन मस्क आमने-सामने आ गए थे. एलन मस्क ने ट्रंप को दूसरी बार सत्ता में वापसी करने में काफी मदद की थी, लेकिन इस बिल को लेकर दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिली.

बात इतनी बढ़ी कि एलन मस्क ने एपस्टीन फाइल तक का जिक्र कर दिया. वहीं President ट्रंप भी नहीं रूके, उन्होंने मस्क को अमेरिका से बाहर करने की बात कह दी. इस जुबानी जंग के बाद धीरे-धीरे मामला ठंडा पड़ गया.

कनक/डीएससी