New Delhi, 1 अक्टूबर . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़े एक मामले में चार अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
एनआईए की जांच में सामने आया है कि तीन आरोपी (सुनीता पोताम, शंकर मुचकी और दशरथ उर्फ दासरु मोदियाम) मूलवासी बचाओ मंच (एमबीएम) के सदस्य थे. यह संगठन भाकपा (माओवादी) का अग्रिम मोर्चा था, जिसे पिछले साल अक्टूबर में छत्तीसगढ़ Government ने विशेष जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित कर दिया था. चौथा आरोपी मल्लेश कुंजाम भाकपा (माओवादी) का सशस्त्र कैडर है और अभी भी फरार है.
एनआईए के अनुसार, ये चारों आरोपी संगठन के लिए फंड जुटाने, सुरक्षित रखने और उसका वितरण करने जैसी गतिविधियों में शामिल थे. यह पैसा राज्य में विकास कार्यों और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई Government के खिलाफ प्रदर्शन कराने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. इन अवैध फंडों को एमबीएम जैसे संगठनों के जरिए आगे बढ़ाया जाता था.
अब तक इस मामले में कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, जिनमें फरार मल्लेश कुंजाम भी शामिल है.
गौरतलब है कि इस मामले में शुरुआत में बीजापुर Police ने नवंबर 2023 में दो आरोपियों (गजेंद्र मदवी और लक्ष्मण कुंजाम) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मई 2023 में Police ने इन दोनों से 6 लाख रुपए नकद बरामद किए थे. जांच में पता चला था कि यह दोनों एमबीएम के ओवरग्राउंड सदस्य थे और माओवादी नेताओं के कहने पर यह रकम अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराने जा रहे थे.
इसके बाद फरवरी 2024 में मामला एनआईए को सौंपा गया. एजेंसी ने अगस्त 2025 में पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें गजेंद्र और लक्ष्मण के खिलाफ नए आरोप लगाए गए थे. इसके साथ ही रघु मिडियामी नामक एक अन्य आरोपी को भी चार्जशीट में शामिल किया गया था.
एनआईए ने बताया कि मामला अब भी जांच के अधीन है और आगे ज्यादा खुलासे हो सकते हैं.
–
वीकेयू/एबीएम