एसिडिटी से हैं परेशान? इन उपायों से पाएं तुरंत राहत

New Delhi, 8 सितंबर . आज की व्यस्त जिंदगी में हम अक्सर अपने खान-पान और रहन-सहन का ध्यान रखना भूल जाते हैं, जिसके चलते हमारे शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगी हैं. इनमें से एक बेहद आम, लेकिन परेशान करने वाली समस्या है ‘एसिडिटी’… पेट में जब अम्लता बढ़ जाती है, तो एसिडिटी होती है.

इसमें पेट में जलन, सीने में दर्द और कभी-कभी गले में खट्टी डकार आने लगती है, जो दिनभर हमारे काम करने की क्षमता पर भी असर डालती है. ज्यादातर लोग तुरंत दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन इसके प्राकृतिक तरीके भी हैं, जिनसे एसिडिटी से तुरंत आराम पाया जा सकता है.

आयुर्वेद के मुताबिक, जब पेट में एसिड बढ़ जाता है तो ठंडा दूध पीना एक कारगर उपाय होता है. दूध में मौजूद कैल्शियम पेट के अम्ल को कम करता है और जलन को शांत करता है. इसके साथ ही केला भी एसिडिटी में राहत देने वाला फल है क्योंकि इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो अम्लता से जुड़ी पेट की समस्याओं को कम करते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं. केला खाने से पेट को तुरंत आराम मिलता है और जलन का अहसास कम हो जाता है.

इसके अलावा, आयुर्वेद ने एसिडिटी से राहत में जीरा और अजवाइन का भी बड़ा योगदान माना है. जीरा और अजवाइन दोनों ही भारतीय घरों में पाचन सुधारने के लिए लंबे समय से उपयोग में आते रहे हैं. जीरे को पानी में उबालकर पीने से पेट में बनने वाली गैस और एसिडिटी कम होती है, जिससे पेट हल्का महसूस होता है. अजवाइन को पानी में उबालकर या हल्का काला नमक डालकर खाने से भी पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट की मांसपेशियां आराम पाती हैं. ये दोनों उपाय न केवल पेट की जलन को कम करते हैं बल्कि पाचन को भी दुरुस्त करते हैं, जिससे भोजन जल्दी पचता है और एसिडिटी की समस्या कम होती है.

नारियल पानी भी एक शानदार प्राकृतिक इलाज है. इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के पीएच स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे पेट में अम्लता कम होती है और जलन में राहत मिलती है.

खाने के बाद सौंफ चबाना भी एक पुराना और असरदार तरीका है जो पेट की गैस को कम करता है और पाचन को सुधारता है. सौंफ के इस्तेमाल से भोजन जल्दी पचता है और एसिडिटी की समस्या कम हो जाती है.

पीके/एएस