उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : असीम अरुण

Lucknow, 30 सितंबर . बरेली हिंसा मामले में मौलाना तौकीर रजा के मददगारों के ऊपर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. इस मामले में अब तक 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उत्तर प्रदेश Government के मंत्री असीम अरुण ने बरेली हिंसा के बाद Government की कार्रवाई की तारीफ की और कहा कि राज्य में किसी को भी सांप्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने का मौका नहीं दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश Government के मंत्री असीम अरुण ने से बात करते हुए कहा, “किसी को भी उत्तर प्रदेश की सांप्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने का मौका नहीं दिया जाएगा. किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि यूपी में योगी जी की Government है, जो कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर कदम उठाती है. यह पिछली Governmentों की तरह ढुलमुल और किसी एक पक्ष का साथ देकर दूसरे पक्ष के साथ नाइंसाफी करने वाली Government नहीं है.”

असीम अरुण ने कहा, “पिछले दिनों में कुछ लोगों ने जो अभियान चलाया, उसमें हमने देखा कि ‘आई लव मुहम्मद’ नाम से जुलूस निकाला गया. ‘आई लव मुहम्मद’ बोलने में कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन फिर जब कोई जुलूस निकाला जाता है या फिर कोई नया काम करना हो तो उसके लिए प्रशासन से पहले अनुमति ली जाती है और उसके बाद कोई नया काम किया जाता है. लेकिन इस मामले में बार-बार इस नियम का उल्लंघन किया गया है, जिसके कारण सख्त कार्रवाई की बहुत जरूरत थी. मैं इसका स्वागत करता हूं. Chief Minister ने सचेत भी किया है कि अगर कोई भी ऐसी गड़बड़ी करने के बारे में सोचेगा तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी.”

भाजपा मंत्री ने GST नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म की तारीफ करते हुए कहा, “2017 में GST के जो रिफॉर्म हमने किए और अब नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म लेकर आए हैं, इस फैसले और इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाने से करीब दो लाख करोड़ से ज्यादा इनकम लोगों की जेब में आएगी. ऐसे में अगर लोग बाजारों में खरीदारी करने जाएंगे तो उन्हें फायदा होगा. आजाद India में अर्थव्यवस्था को उछाल देने के लिए इससे बड़ा कदम आज तक नहीं उठाया गया. केंद्र Government का यह कदम स्वागत योग्य है, मैं पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं. इस फैसले से हमारे ग्राहक और उत्पादक दोनों लाभान्वित होंगे.”

पूर्व Union Minister पी. चिदंबरम के हालिया बयान पर असीम अरुण ने कहा कि यह कोई चौंकाने वाला बयान नहीं है. उस समय की Government की सबसे बड़ी समस्या यही थी, जिसे पॉलिसी पैरालिसिस कहा गया, जिसका मतलब कोई निर्णय ही नहीं होता था.

एससीएच