नोएडा, 30 सितंबर . उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा और गाजियाबाद समेत एनसीआर क्षेत्र में उद्यमियों और बिल्डरों से झूठी शिकायतों के जरिए रंगदारी वसूलने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में दिल्ली निवासी अंकुर गुप्ता, हरनाम धवन और नरेंद्र धवन शामिल हैं.
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि गैंग उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, GST, रेरा, जीडीए और अन्य Governmentी विभागों में झूठी शिकायतें दर्ज कराता था. इसके बाद उन शिकायतों के आधार पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरें प्रकाशित कराकर पीड़ितों पर दबाव बनाया जाता था. बदनामी के डर से उद्यमी इनसे समझौता करने को मजबूर हो जाते थे.
एक मामले में आरोपियों ने एक प्रसिद्ध बिल्डर से 15 करोड़ रुपए की मांग की. जब बिल्डर ने रकम देने में असमर्थता जताई तो आरोपियों ने फिरौती घटाकर 5 करोड़ रुपए कर दी. कुछ रकम वसूल भी कर ली गई थी.
एसटीएफ ने 29 सितंबर को तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए नोएडा स्थित फील्ड यूनिट कार्यालय में लाया और साक्ष्य मिलने पर 30 सितंबर की रात करीब 12:30 बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से 4 मोबाइल फोन, 62,720 रुपए नकद, 1 अमेरिकी डॉलर, फर्जी आधार कार्ड और 17 डाक रसीदें बरामद की गईं.
मुख्य आरोपी अंकुर गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि पहले वह कपड़ों का व्यापारी था. बैंक लोन नहीं चुकाने के बाद वह साजिश करने लगा. बाद में उसने अपने सिंडीकेट में कुछ फ्रीलांस पत्रकारों को भी शामिल किया.
आरोपी नरेंद्र धवन और उसका पुत्र हरनाम धवन ‘दिल्ली अपटूडेट’ नाम से यूट्यूब चैनल और स्थानीय अखबार चलाते थे. इनके माध्यम से झूठी खबरें छपवाकर उद्यमियों पर दबाव बनाया जाता था.
जांच में सामने आया कि करोलबाग स्थित यूनिटी ग्रुप का ‘दी अमेरिलिस’, गाजियाबाद के शिप्रा व साया ग्रुप, इंदिरापुरम के हार्मनी बिल्डर तथा ग्रेटर नोएडा के छपरोला स्थित ‘केशवकुंज प्रोजेक्ट’ इनके निशाने पर थे.
एसटीएफ अब उन सभी उद्यमियों की सूची तैयार कर रही है, जो इस गैंग की ब्लैकमेलिंग के शिकार हुए हैं. स्थानीय Police आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है.
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पीकेटी/एसके