भारतीय उद्यमी लग्जरी लाइफस्टाइल अपनाने में दुनिया के दूसरे देशों के उद्यमियों से आगे : रिपोर्ट

New Delhi, 29 सितंबर . भारतीय उद्यमी दुनिया भर के अन्य देशों के उद्यमियों के विपरीत अपने पर्सनल वेल्थ आउटलुक को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं, जिसमें 95 प्रतिशत उद्यमी मानते हैं कि अलगे कुछ वर्षों में उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी होगी. यह जानकारी Monday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.

56 प्रतिशत भारतीय उद्यमियों को विश्वास है कि उनके धन में तेजी से वृद्धि होगी, जबकि 39 प्रतिशत का मानना है कि उनकी धन में मामूली वृद्धि होगी.

एचएसबीसी प्राइवेट बैंक की एक रिसर्च के अनुसार, India के अमीर उद्यमी अपने पैसे को लग्जरी लाइफस्टाइल पर खर्च कर रहे हैं, क्योंकि उनका सकारात्मक दृष्टिकोण और ग्लोबल आउटलुक उन्हें सीमाओं के पार उनके दायरे को बढ़ाने में मदद करता है.

एचएसबीसी की ‘ग्लोबल एंटरप्रेन्योरियल वेल्थ रिपोर्ट 2025’ से पता चलता है कि India में उद्यमियों द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के लिए रियल एस्टेट पर 64 प्रतिशत, स्वास्थ्य और फिटनेस पर 61 प्रतिशत और लक्जरी अनुभव पर 59 प्रतिशत खर्च किया गया पैसा, दुनिया के दूसरे देशों के उद्यमियों की तुलना में काफी अधिक है.

एचएसबीसी इंडिया के इंटरनेशनल वेल्थ और प्रीमियर बैंकिंग के प्रमुख संदीप बत्रा ने कहा, “लग्जरी लाइफस्टाइल, ग्लोबल मोबिलिटी और विविध पोर्टफोलियो में भारतीय उद्यमियों का निवेश न केवल उनके पैसे के भविष्य को लेकर उनके विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे वैश्वीकरण के नए चरण में वैश्विक अवसरों और मजबूत इंटरनेशनल वेल्थ कॉरिडोर का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं.”

यह सकारात्मकता यूके, यूएई, India और सिंगापुर जैसे बाजारों में विशेष रूप से अधिक है.

India में इस सकारात्मकता के मुख्य कारण नए निवेश और उद्यम के अवसर, निवेश पोर्टफोलियो का अच्छा प्रदर्शन, स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल आर्थिक परिदृश्य और व्यवसाय का अच्छा प्रदर्शन हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, India के उद्यमियों का आउटुलक विशेष रूप से ग्लोबल है, जिसमें 73 प्रतिशत के पास मल्टी-रेसिडेंसी का स्टेटस है, जो वैश्विक औसत 56 प्रतिशत से काफी अधिक है.

अधिकांश उद्यमी विदेश में बसने के लिए तैयार हैं, जिसमें यूके और यूएस टॉप डेस्टिनेशन बने हुए हैं. इसके बाद स्विट्जरलैंड, यूएई और सिंगापुर का स्थान आता है.

क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट के लिए 78 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि वे विदेशों में जाकर अपना और अपने परिवार का जीवन स्तर बेहतर बना सकते हैं. वहीं, 75 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि ऐसा कर वे निवेश के नए अवसर पा सकते हैं. जबकि 71 प्रतिशत उद्यमियों का मानना है कि India से बाहर बस कर व्यवसाय को नए बाजारों तक बढ़ाया जा सकता है.

एसकेटी/