Lucknow, 28 सितंबर . उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं पूर्व अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख माधव विनायक मधुभाई कुलकर्णी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई.
मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के पालक स्वांतरंजन ने कहा कि मधुभाई राष्ट्रोत्थान के लिए अनामिक होकर सदैव काम करते थे. देश के लिए काम करने की उनमें एक अलग प्रकार की क्षमता थी. डॉक्टर साहब ने ऐसा अनोखा संगठन खड़ा किया, जिसमें लाखों अनमोल हीरे जड़ित हैं. उन्होंने कहा था कि निश्चित रूप से संघ का कार्य आगे बढ़ेगा, क्योंकि हमें देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं की एक टीम मिली है. ऐसे कार्यकर्ता जिनके मन में धुन सवार थी कि देश के लिए हमें बहुत कार्य करना है. उन्हें किसी भवन का कांगुरा नहीं बनना था, बल्कि उनमें तो नींव का पत्थर बनने की इच्छा है. अपने नाम, यश की इच्छा किए बिना संघ के लिए जीवन लगाने वाले उन्हीं कार्यकर्ताओं में से एक मधुभाई कुलकर्णी थे.
उन्होंने कहा कि मधुभाई Gujarat के प्रांत प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक थे. उन्होंने Gujarat के कमजोर सांगठनिक काम को सुदृढ़ किया था. वे बहुत कम बोलते थे, इसलिए उनसे डर लगता था, लेकिन नजदीकी होने पर उनके कोमल हृदय का पता सहज ही लग जाता था. उनका जीवन बिल्कुल नारियल के जैसे था- बाहर से तो कठोर लेकिन अंदर से बहुत कोमल. उनके पास जाने से नई बातें सीखने को मिलती थीं. अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख रहते हुए वे प्रचारकों से गीत तैयार करवाते थे तथा उनकी रुचि के अनुसार काम देते थे. यह उनका सहज स्वभाव था, और वे काम बताकर भूलते नहीं थे, बल्कि उसका अनुवर्तन भी समय पर करते थे.
मधुभाई के Lucknow में रहने के समय का स्मरण करते हुए अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख ने कहा कि Lucknow केंद्र होने पर मधुभाई कार्यकर्ताओं का निर्माण अपने जीवन आचरण से करते थे. वे बहुत ही अध्ययनशील थे. उन्होंने संघ को समझने के लिए एक छोटी सी पुस्तिका ‘अथातो संघ जिज्ञासा’ लिखी और उसका नया संस्करण प्रयास करके अभी कुछ महीने पहले ही लोकहित प्रकाशन Lucknow से छपवाया था. हर शरीर की एक सीमा है, एक धर्म है, और एक आयु है; इसका सातत्य संभव नहीं है. अब मधुभाई शरीर से हमारे सामने नहीं हैं, लेकिन उनके विचारों का प्रवाह हम सब में सदा ही चलता रहेगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रांत के सह प्रांत संघचालक सुनीत खरे ने कहा कि मधुभाई का Lucknow केंद्र होने से मेरा उनसे अच्छे से परिचय हुआ था. वैसे तो अखिल भारतीय अधिकारी होने के नाते मैं पहले से जानता था. उन्हें संविधान का बहुत अच्छा अध्ययन था. वे राम मंदिर प्रकरण के संवैधानिक विषयों पर खूब चर्चा करते थे. डॉक्टर साहब पर केंद्रित उनके बौद्धिक को सुनने से लगता था कि हम सभी प्रत्यक्ष डॉक्टर साहब के जीवन को अपनी आंखों से देख रहे हैं.
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विकेटी/एसके