गुरुग्राम, 28 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) के गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने दिल्ली-एनसीआर के पांच ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई, जो कि इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड अम्यूजमेंट लिमिटेड (आईआरएएल) से जुड़ी बड़ी निवेशक धोखाधड़ी के मामले में है.
यह जांच कई First Information Report के आधार पर शुरू की गई, जो गुरुग्राम Police और दिल्ली ईओडब्ल्यू ने इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड अम्यूजमेंट लिमिटेड, ईओडी अम्यूजमेंट पार्क प्राइवेट लिमिटेड, गियन विजेश्वर, रॉबिन विजेश्वर और उनकी अन्य संबंधित कंपनियों के खिलाफ दर्ज की थीं. आरोप है कि इन लोगों ने निवेशकों को ठगा है और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है.
आईआरएएल ने लगभग 1,500 निवेशकों से 450 करोड़ रुपए से अधिक राशि एकत्रित की. निवेशकों को सेक्टर 29 और 52-ए, गुरुग्राम में रिटेल शॉप या वर्चुअल स्पेस देने का वादा किया गया था, लेकिन कंपनी समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सकी और न ही निवेशकों को मासिक निश्चित रिटर्न का भुगतान किया गया.
ईडी की जांच में पता चला कि इस राशि को उनकी होल्डिंग कंपनी में स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद एक तीसरे पक्ष के शेयर खरीद समझौते के जरिए ईओडी अम्यूजमेंट पार्क प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी तरीके से निपटाया गया, जिसमें खरीदार ने उचित भुगतान नहीं किया. आईआरएएल के खिलाफ की गई फोरेंसिक ऑडिट से भी इस धोखाधड़ी की पुष्टि हुई.
जांच में यह भी सामने आया कि आईआरएएल पहले से कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत है, लेकिन 7 साल बीतने के बाद भी इसका समाधान नहीं हुआ है.
इससे पहले इस मामले में दो प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं. पहला 28 मई 2024 को 291.31 करोड़ रुपए का, जिसमें jaipur की जमीन और नोएडा का शॉपिंग मॉल शामिल है. दूसरा 24 दिसंबर 2024 को 120.98 करोड़ रुपए का, जिसमें अप्पू हाउस ग्रुप के इंटरनेशनल रीक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड शामिल है.
ये ऑर्डर आईआरएएल के खिलाफ जारी हुए थे और दोनों आदेशों की पुष्टि न्याय निर्णायक प्राधिकरण द्वारा की गई. छापेमारी के दौरान ईडी ने भारी मात्रा में अहम सबूत जब्त किए हैं, जिनमें कई छुपे हुए बैंक खाते और डिजिटल उपकरण शामिल हैं. फिलहाल, आगे की जांच जारी है.
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वीकेयू/डीकेपी