सियोल, 28 सितंबर . दक्षिण कोरिया की ओर से जारी Governmentी आंकड़ों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. Governmentी आंकड़ों के अनुसार इस साल की पहली छमाही में 7 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली.
सांख्यिकी कोरिया के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून के बीच कुल 7,067 लोगों ने आत्महत्या की, जो पिछले साल के इसी समय के 7,844 संख्या से थोड़ी कम है, लेकिन 2023 की पहली छमाही में 7,142 लोगों के बराबर है.
इन आंकड़ों में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 22.4 प्रतिशत है, इसके बाद 40 साल (19 प्रतिशत), 60 साल (15.1 प्रतिशत), 30 साल (13.5 प्रतिशत) और 70 साल (9.8 प्रतिशत) के लोग शामिल हैं. वहीं बाकी की संख्या अन्य आयु वर्गों से है.
विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्या को केवल एक व्यक्तिगत समस्या के रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और संरचनात्मक समस्या के रूप में भी देखा जाना चाहिए और इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता है.
कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड सोशल अफेयर्स (केआईएचएएसए) के अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा समीक्षा में हाल ही में प्रकाशित एक लेख में, कोरिया विश्वविद्यालय ग्रेजुएट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता चोई मिन-जे ने कहा कि Government को उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए लक्षित हस्तक्षेपों से आगे बढ़कर सामान्य आबादी में जोखिमों को संबोधित करने वाले “चयनात्मक और सार्वभौमिक” उपायों को शामिल करना चाहिए.
उन्होंने एक व्यापक नियंत्रण केंद्र की स्थापना का भी आग्रह किया ताकि यह आकलन किया जा सके कि राजकोषीय, श्रम और अन्य नीतियां आत्महत्या दरों को कैसे प्रभावित कर सकती हैं और जहां इस तरह के जोखिमों की पहचान की जाती है, वहां सही तरीके से पूरे उपायों को लागू किया जा सके.
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों में दक्षिण कोरिया में वर्तमान में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है, जो 2024 में प्रति 100,000 लोगों पर 26.2 थी, जो ओईसीडी के औसत 10.8 से कहीं अधिक है.
इस सप्ताह की शुरुआत में, Governmentी आंकड़ों से पता चला कि दक्षिण कोरिया में जुलाई में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में पिछले साल की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसका एक कारण शादियों में बढ़ोतरी है.
सांख्यिकी कोरिया के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में कुल 21,803 बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 20,580 बच्चों के जन्म की तुलना में 5.9 प्रतिशत अधिक है.
यह लगातार 13वें महीने वार्षिक वृद्धि का रिकॉर्ड है, लेकिन 1981 में Government द्वारा रिकॉर्ड दर्ज करने के बाद से जुलाई का चौथा सबसे कम आंकड़ा है.
जनवरी से जुलाई के बीच कुल 147,804 बच्चों का जन्म हुआ. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो 1981 के बाद से सबसे अधिक वृद्धि दर है.
2015 के बाद यह पहली बार था जब जनवरी-जुलाई के समय में नवजात बच्चों की संख्या में वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. देश की कुल प्रजनन दर, यानी एक महिला द्वारा अपने जीवनकाल में अपेक्षित बच्चों की औसत संख्या, एक साल पहले की तुलना में 0.04 बढ़कर जुलाई में 0.8 हो गई.
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कनक/एएस