लेह, 27 सितंबर . लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने 24 सितंबर की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार सोनम वांगचुक पर बयान जारी करते हुए कहा कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी. उन्होंने बताया कि वांगचुक 10 सितंबर से अपने आंदोलन की शुरुआत के बाद से ही लोगों को उकसाने का काम कर रहे थे.
डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने से बातचीत में कहा कि उनके (सोनम वांगचुक) भाषणों में एक पैटर्न दिखाई देता है. वे लोगों को भड़काने और युवाओं को उकसाने वाले बयान दे रहे थे.
उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल साफ है कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी. वह इसे भड़का रहे थे. वह हंगामा खड़ा करना चाहते थे और 10 सितंबर से जब उन्होंने अपना आंदोलन शुरू किया था और 24 सितंबर तक, उनके भाषणों में एक पैटर्न देखा जा सकता है. वह लोगों को भड़का रहे थे और उसी मंच पर कुछ अन्य लोग भी युवाओं को भड़काने वाले भाषण दे रहे थे. इसके परिणामस्वरूप 24 सितंबर को हिंसक घटनाएं हुईं.”
डीजीपी ने यह भी कहा कि Police वांगचुक की गतिविधियों पर नजर रख रही थी और उनके अवैध, असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जा रहा था. इसके आधार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया.
मौजूदा हालात पर लद्दाख के डीजीपी ने कहा, “सुरक्षा बल मौजूद हैं और हमने सुनिश्चित किया है कि कहीं भी शांति भंग न हो. इसी तरह हम हालात को संभाल रहे हैं. हम लोगों की मदद कर रहे हैं और धीरे-धीरे कर्फ्यू में ढील दे रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “हताहतों की बात करें तो 4 लोगों की मौत हुई है और 7 गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें दिल्ली रेफर कर दिया गया है. लगभग 32 Policeकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई हैं.”
इससे पहले, प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने कहा कि अगर आप उनकी (वांगचुक) प्रोफाइल और इतिहास देखें, तो यह सब यूट्यूब पर उपलब्ध है. सबसे ज्यादा भड़काऊ बात यह है कि नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से जुड़ा उनका अपना एजेंडा है. हमने हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा था जो Pakistan से उन्हें रिपोर्ट कर रहा था. हमारे पास ऐसी सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड है.
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डीसीएच/डीएससी