टोक्यो, 27 सितंबर . हिरोशिमा पर हुए परमाणु हमले में बचे लोगों ने India के Prime Minister Narendra Modi की जापान के साथ मिलकर वैश्विक शांति के लिए काम करने की इच्छा जताने पर उनकी सराहना की. पीएम मोदी को विश्व शांति के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के लिए हिरोशिमा में पीस कल्चर विलेज (पीसीवी) की ओर से प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.
परमाणु हमले में बची तोशिको तनाका और पीसीवी के प्रबंध निदेशक केंटा सुमीओका ने यह प्रशस्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर इसे राज्यसभा सदस्य और भारतीय अल्पसंख्यक संघ (आईएमएफ) संयोजक सतनाम सिंह संधू और आईएमएफ की सह-संस्थापक प्रो हिमानी सूद को सौंपा गया.
प्रशस्ति पत्र में पीड़ितों को सम्मान देने और युवा पीढ़ी को परमाणु संघर्ष को अस्वीकार करने के लिए प्रेरित करने वाले स्मरणोत्सवों के माध्यम से परमाणु शांति में Prime Minister मोदी के योगदान को मान्यता दी गई.
प्रशस्ति पत्र में कहा गया है, “यह सम्मान प्रदान करते हुए हम शांति की एक दृढ़ वैश्विक आवाज के रूप में आपकी भूमिका को भी मान्यता देते हैं, जिसका नेतृत्व इस बात की पुष्टि करता है कि मानवता की सर्वोच्च शक्ति संवाद, सहयोग और परमाणु हथियारों से मुक्त भविष्य के लिए साझा जिम्मेदारी में निहित है.”
अपने अनुभव साझा करते हुए तोशिको तनाका ने कहा, “हिरोशिमा में परमाणु हमले के दौरान मैं करीब छह साल की थी. मैंने इस त्रासदी की भयावहता को झेला है और अपना जीवन दुनिया से यह अपील करने में समर्पित कर दिया कि हमें सामूहिक विनाश के हथियारों को नष्ट करना चाहिए. बमबारी के दौरान मैंने अपने सभी स्कूली दोस्तों को खो दिया था और मैं जीवित बची थी. आज तक, कुछ पीड़ितों का कोई पता नहीं चल पाया.”
तनाका ने कहा, “जब India के Prime Minister मोदी जापान आए थे, तब मैंने उनके विचार सुने थे, जिसमें उन्होंने जापान के साथ वैश्विक शांति के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की थी. मैं उनके दृष्टिकोण और India की घोषित नीतियों, जैसे कि पहले इस्तेमाल न करना, विश्वसनीय न्यूनतम निवारण, परमाणु-रहित देशों के विरुद्ध परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करना और परमाणु परीक्षण पर स्वैच्छिक रोक से बहुत प्रेरित हुई. ये इस बात के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं कि कैसे सिद्धांत परमाणु खतरे को नियंत्रित कर सकते हैं और गैर-उपयोग के वैश्विक मानदंडों को सुदृढ़ कर सकते हैं.”
पीएम मोदी की “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “India की नीति विश्व शांति की वकालत करती है और अन्य देशों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है. आज हमने जो प्रशस्ति पत्र दिया है, वह Prime Minister मोदी की सभी देशों से शांति की अपील को स्वीकार करता है. मैं उनके ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मंत्र को नमन करती हूं, जो इस गहन विश्वास का प्रतीक है कि विश्व एक परिवार है.
तीसरी पीढ़ी के परमाणु बम विस्फोट में जीवित बचे केंटा सुमियोका ने भी अपने परिवार का जिक्र करते हुए कहा, “मैं अपनी दादी को बमबारी के दौरान उनके साथ हुई घटनाओं के बारे में बताते हुए बड़ा हुआ हूं. मैं हिरोशिमा में एक गैर-Governmentी संगठन चलाता हूं जो शांति के लिए शिक्षा प्रदान करता है.”
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि विभिन्न देशों को एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए. विशेष रूप से भारत, दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. मैं शांति की दिशा में काम करने के लिए Prime Minister मोदी और India के लोगों के साथ हाथ मिलाना चाहता हूं और मैं इस सहयोग की आशा करता हूं.
इस मौके पर, राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने कहा, “दुनिया ने Prime Minister मोदी को शांति के वैश्विक दूत के रूप में मान्यता दी है. उनके नेतृत्व में वैश्विक मंच पर India की छवि मजबूत हुई है और India और भारतीयों, दोनों का दुनियाभर में बहुत सम्मान किया जाता है. Prime Minister मोदी के नेतृत्व में हाल के वर्षों में India और जापान के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि अगर दुनिया Prime Minister मोदी के वसुधैव कुटुम्बकम के दृष्टिकोण को वास्तविक स्वरूप में अपना ले तो इससे आज के कई संघर्षों को सुलझाने में मदद मिलेगी.
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कनक/वीसी