New Delhi, 27 सितंबर . केंद्र Government ने Saturday को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के दूसरे दिन 21 कंपनियों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इससे इस कार्यक्रम में निवेश के लिए समझौतों की कुल कीमत 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन 21 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का वादा किया.
India मंडपम में समिट के दूसरे दिन वैश्विक नियामक, इंडस्ट्री लीडर्स, स्टार्टअप और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया.
बातचीत में सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी, निवेश और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कार्यक्रम के पांच स्तंभों पर केंद्रित 13 सत्र आयोजित किए. इसमें पेट फूड, स्पेशिलटी फूड, न्यूट्रस्यूटिकल्स, शराब और प्लांट-बेस्ड फूड जैसे मुख्य विषय शामिल थे.
बयान में कहा गया कि इस दिन उत्तर प्रदेश, Gujarat, पंजाब, Jharkhand और बिहार जैसे भागीदार राज्यों के साथ न्यूजीलैंड, वियतनाम, जापान और रूस के प्रतिनिधिमंडलों के सत्र भी हुए.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण और विश्व बैंक ने भी चर्चाएं आयोजित कीं.
बयान में कहा गया कि सम्मेलन के हिस्से के रूप में, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को मजबूत करने के लिए रूस और पुर्तगाल के समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें हुईं.
इसी समय, India समुद्री खाद्य निर्यातक संघ द्वारा आयोजित 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो में देश की बढ़ती समुद्री खाद्य निर्यात क्षमता और वैश्विक बाजार के संबंध दिखाए गए.
Prime Minister Narendra Modi ने Thursday को वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 कार्यक्रम के पहले दिन कहा कि India में विविधता, मांग और पैमाने की ट्रिपल ताकत है.
पीएम मोदी ने भी जोर देते हुए कहा कि घरेलू मांग में यह ताकत India को प्रतिस्पर्धी बढ़त देती है और इसे निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज India की पहचान दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में होती है. इनमें से कई सारे स्टार्टअप्स फूड और एग्रीकल्चर सेक्टर में काम कर रहे हैं. India में डाइवर्सिटी, डिमांड और इनोवेशन सभी कुछ मौजूद हैं. इन्वेस्टमेंट का India में विस्तार करने का यही समय है.
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एसकेटी/