लेह में दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक कर्फ्यू में दी गई ढील

लेह, 27 सितंबर . अधिकारियों ने Saturday को घोषणा की कि स्थिति में सुधार होने के संकेत मिलने के बाद लेह में शाम 1 बजे से 3 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी.

लद्दाख एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के नेताओं को विश्वास में लेने के बाद जरूरी सामान खरीदने के लिए लोगों को छूट देने के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई.

24 सितंबर को हिंसक भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए.

लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने कहा कि एलएबी और केडीए के शीर्ष निकायों एवं केंद्र Government के बीच चल रही बातचीत में कई काम पहले ही हो चुके हैं.

डीजीपी ने कहा, “लद्दाख देश का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां स्थानीय लोगों को 85 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. काउंसिल में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. स्थानीय संस्कृति की रक्षा के लिए, बर्गी और बोदी भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया गया है. जब ये सब हो रहा था, तब कुछ कथित सामाजिक कार्यकर्ता, खासकर सोनम वांगचुक, जिनकी विश्वसनीयता पर संदेह है, ने लद्दाख में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश की.”

उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी, और उन्हें यह बताने के बावजूद कि इन कामों से चल रही बातचीत पर असर पड़ेगा, इन लोगों ने लगभग 5000-6000 लोगों, जिनमें समाज विरोधी तत्व भी शामिल थे, को उकसाया, जिन्होंने Governmentी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों ने एक Political पार्टी के कार्यालय को जला दिया और सुरक्षा बलों पर बुरी तरह हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने एक इमारत में आग लगा दी, जिसमें चार महिला सुरक्षाकर्मी थीं. मेरी गाड़ी भी तोड़ दी गई और मुझे मामूली चोटें आईं.

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में Police को गोली चलानी पड़ी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई.

डीजीपी ने कहा, “प्रदर्शनकारियों की संख्या 70 थी और सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी उतनी ही थी. प्रदर्शन में घायल हुई एक महिला को इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया. मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि लद्दाख Police की सेवा का लंबा इतिहास है. यह लद्दाख में मेरी दूसरी पोस्टिंग है. मैं लद्दाख के लोगों की मानसिकता और सोच को जानता हूं. हमने बलिदान दिए हैं. इस साल तीन अलग-अलग घटनाओं में एक इंस्पेक्टर और दो कॉन्स्टेबल शहीद हो गए.”

डीजीपी ने कहा, “24 सितंबर को जो हुआ वह एक अलग घटना थी. Police लोगों की सेवा के लिए है और हम 24X7 काम करते हैं. साथ ही, मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि समाज विरोधी तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा.”

उन्होंने कहा, “मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आपके साथ हैं और हम Police परिवार एवं अन्य Governmentी नौकरियों में शामिल होने के लिए आपका स्वागत करते हैं.”

सोनम वांगचुक के बारे में एक सवाल के जवाब में Police प्रमुख ने कहा कि सोनम वांगचुक का प्रोफाइल और इतिहास यूट्यूब पर उपलब्ध है.

डीजीपी ने कहा, “वांगचुक ने लोगों में नफरत फैलाने के लिए नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के बारे में बात की है. उसका अपना एजेंडा है.”

उन्होंने बताया कि एक Pakistanी आतंकी एजेंट, जो वांगचुक के संपर्क में था और Pakistan को उसकी रिपोर्ट भेज रहा था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

डीजीपी ने कहा, “एफसीएआरए उल्लंघन की जांच चल रही है, और इसके अलावा मैं कुछ नहीं कह सकता क्योंकि जांच जारी है.”

उन्होंने यह भी कहा कि जब वे हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे, तब तीन नेपाली घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

डीजीपी ने पुष्टि की कि Saturday दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील दी जा रही है.

उन्होंने पुष्टि की कि जब सुरक्षा बलों ने गोली चलाई तो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पूरी तरह से पालन किया गया.

डीकेपी/