जेपी नड्डा ने की स्वास्थ्य खतरों से निपटने के लिए केंद्रीय विभागों से मिलकर काम करने की अपील

New Delhi, 27 सितंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्रीय विभागों और राज्य पदाधिकारियों से स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य के खतरों का बेहतर पूर्वानुमान लगाने, उन्हें रोकने और उनसे निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है.

Saturday को राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन (एनओएचएम) की कार्यकारी संचालन समिति की दूसरी बैठक हुई. इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मानव, पशु, पादप और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के जुड़ाव को पहचानने में एनओएचएम की भूमिका पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि एनओएचएम के माध्यम से विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयास, परिकल्पना को वास्तविक परिणामों में बदल रहे हैं. जेपी नड्डा ने प्रतिभागियों से इस सहयोग को और मजबूत करने और एनओएचएम पहलों के कार्यान्वयन में राज्य पदाधिकारियों के समर्थन करने का आह्वान किया.

नड्डा ने एक स्वास्थ्य मिशन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), रोडमैप और मार्गों में हुई प्रगति की सराहना की और कार्यान्वयन के लिए जरूरी ढांचों को मजबूत करने का सुझाव दिया.

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय सूद ने कहा कि मिशन का प्राथमिक उद्देश्य महामारी से निपटने की तैयारी को बढ़ाना और मानव, पशु और पादप स्वास्थ्य प्रणालियों में एकीकृत रोग निगरानी और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करना है.

उन्होंने रोग के प्रकोप का समय पर पता लगाने और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्यस्तरीय सहभागिता और स्थानीय स्वामित्व के महत्व पर भी बल दिया.

नीति आयोग के सदस्य प्रो. वीके पॉल ने बैठक में मौजूद सभी प्रतिभागियों से एकीकृत रोग प्रबंधन में कमियों की पहचान करने, उन्हें साझा करने और उन पर काम करने की अपील की. ​​उन्होंने वन्यजीव निगरानी, ​​सामान्य अपशिष्ट जल निगरानी और जैव सुरक्षा की उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की भी सलाह दी.

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) के सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने जुलाई 2024 में पहली संचालन समिति की बैठक के बाद से हुई प्रगति पर अपडेट जानकारी दी.

उल्लेखनीय विकासों में बीएसएल-3 प्रयोगशालाओं के राष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत करना; अगस्त 2024 में आयोजित एक मॉक ड्रिल-विष्णु युद्ध अभ्यास और अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से शुरू की गई सिंड्रोमिक निगरानी परियोजनाएं शामिल हैं.

इस मिशन ने मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य प्रणालियों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे उभरते स्वास्थ्य खतरों के विरुद्ध तैयारी सुनिश्चित हुई है और सतत विकास को बढ़ावा मिला है. कुल 16 विभिन्न मंत्रालय और विभाग इस सहयोगात्मक प्रयास में शामिल हुए हैं.

एसएचके/वीसी