बरेली, 27 सितंबर . ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर Friday को बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुए विवाद को लेकर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम से मोहब्बत के इजहार का जो तरीका अपनाया जा रहा है, वो उनकी शिक्षा के खिलाफ है.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जुमा की नमाज के बाद हुए विवाद पर लोगों से अमन व शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम ने हमेशा अपने मुखलाफीन से विवाद नहीं किया, बल्कि विवाद की स्थिति में समझौता किया है. उनसे मोहब्बत का तरीका ये है कि उनके बताए हुए रास्ते पर चला जाए. उन्होंने पूरी दुनिया को अमन व शांति का पैगाम दिया.
मौलाना ने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम के नाम पर सड़क पर शोर मचाना, हो हल्ला, हुडदंग करना, लोगों से टकराना और विवाद खड़ा करना जैसी बातें पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ हैं. लोग ऐसा न करें, शहर में व शांति कायम रखें और कानून को अपने साथ में न लें.
Friday को जुमे की नमाज के बाद कई जिलों में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर अलर्ट भी था. लेकिन बरेली में नमाज के बाद बड़ा बवाल हो गया. कई लोगों ने वहां पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ भी की. Chief Minister ने इस मामले में दो टूक शब्दों में कहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को Government कड़ी से कड़ी कार्रवाई के साथ कुचल देगी.
पर्व-त्योहारों के अवसर पर कतिपय असामाजिक तत्वों द्वारा अशांति फैलाने के कुत्सित प्रयासों पर कड़ी चेतावनी देते हुए Chief Minister ने कहा कि “दशहरा बुराई और आतंक के दहन का पर्व है. उपद्रवियों पर ऐसी कार्रवाई हो कि वे दोबारा कभी इस गलती की सोच भी न सकें. कार्रवाई के लिए किसी और समय का इंतजार न करें, यही समय है, सही समय है.
हाल के दिनों में Kanpur नगर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली में आपत्तिजनक जुलूस और भड़काऊ नारेबाजी की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि यह सब प्रदेश का माहौल खराब करने की सुनियोजित साजिश है, जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ तत्काल First Information Report दर्ज की जाए. आयोजकों और मास्टरमाइंड की पहचान कर उनकी संपत्ति तक की जांच हो. इन जुलूसों में शामिल एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए. वीडियो फुटेज खंगालें, social media मॉनिटरिंग करें और हर एक उपद्रवी पर कार्रवाई करें.
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विकेटी/एएस