यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 : गूंजी बनारस की शहनाई, रमेश कुमार ने बचाई परंपरा

ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर . उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो में इस बार बनारस की शहनाई ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है. एक दौर में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी यह वाद्य कला अब फिर से नई पहचान बना रही है.

Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इस पारंपरिक वाद्य यंत्र को नई जिंदगी मिली है. बनारस के कलाकार रमेश कुमार अपनी पीढ़ियों से मिली इस विरासत को संभाल रहे हैं और शहनाई वादन को ही अपना रोजगार बनाकर आज उसे देशभर तक पहुंचा रहे हैं.

रमेश कुमार का कहना है कि कभी शहनाई की गूंज सिर्फ शादियों या विशेष अवसरों तक सीमित थी, लेकिन अब Government के सहयोग से यह वाद्य यंत्र देश-विदेश में चर्चित हो रहा है. उन्होंने बताया कि बनारस की शहनाई को जीआई टैग भी मिल चुका है, जिससे इसे खास पहचान मिली है. रमेश का परिवार पीढ़ियों से शहनाई निर्माण से जुड़ा है और आज भी वे घर पर ही इस पारंपरिक विधि से शहनाई तैयार करते हैं.

उनके मुताबिक, एक शहनाई बनाने में कम से कम तीन दिन का समय लगता है. शहनाई की गुणवत्ता और ध्वनि पर विशेष ध्यान दिया जाता है. अलग-अलग कलाकारों की जरूरत के अनुसार वे विभिन्न स्केल की शहनाई तैयार करते हैं. ग्राहक उनसे सीधे संपर्क करते हैं और तैयार शहनाई कोरियर के माध्यम से देश के कोने-कोने तक पहुंचाई जाती है.

रमेश कुमार बताते हैं कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो से जुड़ने के बाद उनकी कला को नया बाजार मिला है. अब उनकी शहनाई की मांग दिल्ली, Mumbai , Rajasthan , Gujarat और कोलकाता तक बढ़ चुकी है. कई नामचीन कलाकार भी उनसे संपर्क कर ऑर्डर देते हैं.

उनका कहना है कि यह सब Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही नतीजा है कि विलुप्त होती यह कला आज फिर से जीवंत हो गई है. Government की पहल से न सिर्फ उन्हें नए ग्राहक मिल रहे हैं, बल्कि शहनाई जैसी पारंपरिक धरोहर भी आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित हो रही है. रमेश कुमार का विश्वास है कि आने वाले समय में शहनाई सिर्फ India ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी गूंज से हिंदुस्तान की पहचान बनाएगी.

पीकेटी/डीएससी