प्रधानमंत्री मोदी से मिले रूस के डिप्टी पीएम दिमित्री पेत्रुशेव, सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

New Delhi, 25 सितंबर . रूस के उप Prime Minister दिमित्री पेत्रुशेव ने Thursday को India के Prime Minister Narendra Modi से मुलाकात की. यह बैठक ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2025’ के अवसर पर आयोजित की गई, जिसमें दोनों नेताओं ने कृषि, उर्वरक, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने को लेकर विचार-विमर्श किया.

बैठक के दौरान Prime Minister मोदी ने रूस के साथ India की ‘विन-विन पार्टनरशिप’ को और अधिक मजबूत करने की दिशा में चर्चा की. खासतौर पर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने की बात कही गई.

Prime Minister मोदी ने इस अवसर पर रूसी President व्लादिमीर पुतिन के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त कीं और कहा कि वे उन्हें जल्द ही India में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए India में स्वागत करने को लेकर उत्सुक हैं.

Prime Minister मोदी ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में इस बैठक की जानकारी देते हुए लिखा, “वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के अवसर पर रूस के उपPrime Minister दिमित्री पत्रुशेव से मिलकर प्रसन्नता हुई. हमने कृषि, उर्वरक और खाद्य प्रसंस्करण में हमारे विन-विन सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.”

India और रूस के बीच लंबे समय से रणनीतिक और आर्थिक संबंधों की मजबूत नींव रही है. हालिया वर्षों में दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और विज्ञान के साथ-साथ कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में भी सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के डिप्टी पीएम की यह यात्रा और Prime Minister से उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा, कृषि तकनीक और सप्लाई चेन के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी की ओर एक और बड़ा कदम है.

बता दें कि दिल्ली में Thursday की शाम ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2025’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसका उद्घाटन Prime Minister Narendra Modi ने किया. यह India को ‘वैश्विक खाद्य केंद्र’ के रूप में स्थापित करने के लिए एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “बीते 10 साल में India की प्रोसेसिंग कैपेसिटी में 20 गुना वृद्धि हुई है. फूड सप्लाई और वैल्यू चेन में हमारे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों और छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट्स की बहुत बड़ी भूमिका है. India में 85 प्रतिशत से अधिक स्मॉल और मार्जिनल फार्मर्स हैं. इसलिए हमने ऐसी पॉलिसी बनाई और ऐसा सपोर्ट सिस्टम डेवलप किया कि आज छोटे किसान की मार्केट बड़ी ताकत बन रही है.”

वीकेयू/डीएससी