ओडिशा: भुवनेश्वर में 27-28 सितंबर को दूसरा राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन

भुवनेश्वर, 25 सितंबर . Odisha 27-28 सितंबर को भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में दूसरे राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

Odisha के महाधिवक्ता पीतांबर आचार्य ने बताया कि यह देश के सबसे बड़े कानूनी सम्मेलनों में से एक होगा. इसमें India के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के आठ न्यायाधीश, कई उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, महाधिवक्ता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, वरिष्ठ अधिवक्ता और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ भाग लेंगे.

आचार्य ने कहा, “यह Odisha के लिए ऐतिहासिक अवसर है. हम मध्यस्थता अधिनियम, 2023 को लागू करने वाले पहले राज्य हैं. मध्यस्थता न्याय को सुलभ, त्वरित और प्रभावी बनाने का साधन है, जो Prime Minister Narendra Modi के ‘सबके लिए न्याय’ के दृष्टिकोण को साकार करता है.”

उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अध्यक्षता में पांच तकनीकी सत्र होंगे, जिसमें मध्यस्थता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी.

महानदी नदी जल विवाद पर बोलते हुए आचार्य ने कहा कि मध्यस्थता अंतरराज्यीय जल विवादों को सुलझाने में कारगर हो सकती है. “कावेरी, कृष्णा या रावी-ब्यास जैसे जल विवाद वर्षों से लंबित हैं. ये Political मुद्दे हैं, जिन्हें बातचीत से हल करना होगा. Odisha और छत्तीसगढ़ ने केंद्र की मध्यस्थता में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है. न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता में चल रही कार्यवाही में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और जल शक्ति मंत्रालय की भागीदारी से जल्द सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.”

आचार्य ने Odisha Government के एक और प्रयास पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया, “लगभग 30,000 Governmentी पद मुकदमों के कारण रुके हुए थे. हमने उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि युवाओं का रोजगार हमारी प्राथमिकता है. इसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई और Chief Minister मोहन चरण माझी के नेतृत्व में 35,000 से अधिक नियुक्तियां हुईं. यह न्याय और आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है.”

एसएचके/डीकेपी