लद्दाख में प्रदर्शन के बीच चर्चा में सोनम वांगचुक, वित्तीय अनियमितता के लगे आरोप

लेह, 25 सितंबर . लद्दाख में छठवीं अनुसूची और राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सोनम वांगचुक चर्चा में आ गए. उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं. आरोप है कि सोनम वांगचुक ने लोगों की भावनाओं को भड़काने में अहम भूमिका निभाई है. ऐसे में उनसे जुड़ी गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और नियम-भंग उनके चरित्र एवं इरादों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.

सोनम वांगचुक से जुड़ी कई गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं. एक बड़ी समस्या यह है कि उनके एनजीओ हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल) ने अपने एफसीआरए अकाउंट में स्थानीय दान प्राप्त किया, जो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) 2010 के सेक्शन 17 का स्पष्ट उल्लंघन है. इसके अलावा, एचआईएएल ने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने से पहले ही विदेशी फंड प्राप्त कर लिया था, जो इसी कानून के सेक्शन 11 का उल्लंघन है.

वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए एनजीओ एचआईएएल ने दावा किया कि उसकी कोई विदेशी आय नहीं थी, लेकिन इस अवधि के दौरान उसने विदेशी फंड प्राप्त किया, जो कंपनी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 467 का उल्लंघन है.

2023 में शेसियन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक लाभकारी कंपनी के तहत एक नया अकाउंट खोला गया, जिसके डायरेक्टर सोनम वांगचुक और गीतंजलि जेबी थे. ऐसा लगता है कि इसका मकसद एचआईएएल की बैलेंस शीट में जमा अतिरिक्त रिजर्व फंड को इस्तेमाल करना था, जबकि इन फंड के जमा होने का कोई ठोस कारण नहीं था.

विदेशी फंड सोनम वांगचुक के पर्सनल और जॉइंट अकाउंट में जमा हुए. यह एफसीआरए 2010 का सीधा उल्लंघन है. 2021 से मार्च 2024 तक उन्होंने विदेशों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका पैदा होती है, खासकर इसलिए कि ये विदेशी फंड अज्ञात संस्थाओं को भेजे गए, जबकि वे अपने पर्सनल अकाउंट में विदेशी फंड प्राप्त करते रहे.

सोनम वांगचुक खुद को लोगों के हितों का रक्षक बताते हैं, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं का उनका रिकॉर्ड कुछ और ही कहता है. उनके ये काम रचनात्मक बातचीत को बिगाड़ सकते हैं और वास्तविक समस्याओं को निजी और Political फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

सोर्स के अनुसार, सोनम वांगचुक के एनजीओ खाते से बड़ी मात्रा में फंड उनकी निजी कंपनी में ट्रांसफर किया गया.

सोनाम वांगचुक की वित्तीय अनियमितताओं के तहत हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख संस्था को मिले दान में वित्त वर्ष 2023-24 में 6 करोड़ रुपए से वित्त वर्ष 2024-25 में 15 करोड़ रुपए से अधिक की भारी वृद्धि हुई है. एचआईएएल के 7 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 4 घोषित नहीं हैं. उन्हें एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के बिना 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी फंडिंग मिली है. एचआईएएल से शेश्योन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को 6.5 करोड़ रुपए की भारी रकम ट्रांसफर की गई है.

स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) के 9 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 6 घोषित नहीं हैं. शेश्योन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड वित्त वर्ष 2024-25 में 9.85 करोड़ रुपए के टर्नओवर पर कंपनी का नेट प्रॉफिट सिर्फ 1.14 प्रतिशत है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 6.13 प्रतिशत नेट प्रॉफिट की तुलना में काफी कम है. इस कंपनी के 3 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 2 घोषित नहीं हैं.

हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख से उनकी प्राइवेट फर्म शेश्योन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को भारी फंड ट्रांसफर किया गया.

सोनाम वांगचुक के 9 पर्सनल बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 8 घोषित नहीं हैं. उनके कुछ घोषित नहीं किए गए बैंक अकाउंट में भारी विदेशी फंडिंग आई है. सोनाम वांगचुक ने 2021 से 2024 के बीच अपने पर्सनल अकाउंट से विदेश में कुल 2.3 करोड़ रुपए भेजे. उन्होंने 2018 से 2024 के बीच अलग-अलग अकाउंट में 1.68 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग भी प्राप्त की. वे कॉर्पोरेट सेक्टर की आलोचना करते हैं, लेकिन केंद्रीय Governmentी पीएसयू सहित कई कॉर्पोरेट संस्थाओं से सीआरएस के तहत भारी फंड लेते हैं.

डीकेपी/