New Delhi, 25 सितंबर . जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने Thursday को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के उस लेख पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि मौजूदा समय में India की विदेश नीति पूरी तरह से शून्य हो चुकी है. लिहाजा स्थिति की संवेदनशीलता को भांपते हुए हमें फिलिस्तीन का समर्थन करना चाहिए.
समाचार एजेंसी से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा कि सोनिया गांधी शायद इस बात को भूल रही हैं कि उन्हीं की Government ने सत्ता में रहते हुए इजरायल को मान्यता दी थी. India Government ने यूएन के अंदर अपने संकल्प पत्र को दोहराया है. जिसमें द्वि-राष्ट्र की अवधारणा का प्रावधान किया गया है. जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन को अलग-अलग राष्ट्र का दर्जा दिया गया है.
लेह हिंसा पर उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं. हम हर हिंसा का विरोध करते हैं. लेकिन, Government को उनकी मांग पर ध्यान देना चाहिए और उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, अन्य सुविधाएं दिलाने की दिशा में भी विचार करना चाहिए.
वहीं, सीडीएस अनिल चौहान के बयान पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. उस वक्त देश की सैन्य शक्ति क्या थी, मुझे इस बारे में भी कोई खास जानकारी नहीं है.
सीडीएस अनिल चौहान ने अपने एक बयान में कहा कि अगर तत्कालीन Government ने 1962 में चीन से युद्ध के खिलाफ अपनी वायु सेना शक्तियों का सही इस्तेमाल किया होता, तो आज हमारे बीच ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती.
साथ ही, उन्होंने कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में अतिपिछड़ों के संबंध में लाए गए प्रस्ताव पर कहा कि हमारी Government हमेशा से ही अतिपिछड़ों को सशक्त करने की वकालत करती हुई आई है. हमने हमेशा अतिपिछड़ों के विकास के बारे में सोचा है. हम हमेशा से ही अतिपिछड़ों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में जिन मुद्दों का जिक्र कर प्रस्ताव किया, वो सभी फैसले हमारी Government कर चुकी है. हमने पिछड़ों में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिया है. हमने अतिपिछड़ों के लिए आयोग बनाया है. हमारी Government ने आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत की है. ऐसी स्थिति में बिहार में इस तरह के दावे बिल्कुल भी काम नहीं आने वाले हैं.
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एसएचके/जीकेटी