कोच्चि, 25 सितंबर . कुवैत के अल अहली बैंक से कथित धोखाधड़ी की शिकायत केरल के कुछ Police थानों में दर्ज कराई गई है. आरोप है कि कुछ मलयालम भाषियों ने अन्य लोगों संग मिलकर बैंक को करोड़ों का चूना लगाया.
यह मामले कुवैती नागरिक और अल अहली बैंक ऑफ कुवैत के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा केरल के Police प्रमुख के समक्ष दर्ज कराई गई शिकायत के बाद फाइल किया गया है.
बैंक को कुल 200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जो विभिन्न हिस्सों के लगभग 806 लोगों द्वारा किया गया है, जिनमें से एक बड़ी संख्या केरलवासियों की है.
2020 और 2023 के बीच कुवैत में काम करने वाले आरोपियों ने कथित तौर पर ऋण लिया और उसे चुकाने में विफल रहे.
शिकायतों के बाद, Police ने कोट्टायम और एर्नाकुलम के विभिन्न थानों में वित्तीय धोखाधड़ी, ठगी और आपराधिक षड्यंत्र के मामले दर्ज किए.
बैंक ने आरोप लगाया कि ये ऋण उन्हें धोखा देने के इरादे से लिए गए थे.
इसमें शामिल कई लोग कुवैत छोड़कर केरल लौट आए और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चले गए.
हालांकि, आरोपियों और उनके परिवारों का तर्क है कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट ने उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अपराध शाखा कुवैत के गल्फ बैंक से जुड़े सैकड़ों ऐसे ही मामलों की जांच कर रही है, जहां कई प्रवासी नागरिकों पर बैंक के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है.
संयोग से, जब पिछले साल कुवैत के गल्फ बैंक ने केरल राज्य Police प्रमुख के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी (जो उस समय केरल Police द्वारा की गई एक त्वरित कार्रवाई थी) तो कई बकाएदार अपना बकाया चुकाने के लिए आगे आए थे.
गल्फ बैंक की शिकायत का संज्ञान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी लिया था.
अल अहली बैंक की शिकायत ने अब इन जांचों का दायरा बढ़ा दिया है.
Police को ऋणों के विवरण की पुष्टि करने, फरार व्यक्तियों का पता लगाने और यह पता लगाने का काम सौंपा गया है कि क्या कथित बकाएदारों ने बैंक को धोखा देने के जानबूझकर इरादे से काम किया था.
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दोषी पाए जाने वालों पर वित्तीय धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
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केआर/