New Delhi, 25 सितंबर . कांग्रेस नेता उदित राज ने Thursday को कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि लेह जैसी स्थिति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पैदा हो, लेकिन इस बात को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि यहां पर मौजूदा समय में हालात चुनौतीपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि युवा वर्ग बेरोजगारी के जाल में फंसे हुए हैं. वहीं आम लोगों को भी कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अब अपनी मांगों को लेकर युवा वर्ग को आगे आना होगा. उन्हें Government के समक्ष अपनी मांगें रखनी होंगी.
समाचार एजेंसी से बातचीत में कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि Government खुद ही ऐसे हालात पैदा कर रही है कि जेन-जी उनके विरोध में मोर्चा खोल दे, लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर यह बिल्कुल नहीं चाहता कि दिल्ली में भी लेह जैसी स्थिति पैदा हो. हम हमेशा से ही शांति की वकालत करते हुए आए हैं और आगे भी करते रहेंगे. हम हिंसा का समर्थन बिल्कुल नहीं करते हैं.
उदित राज ने कहा कि लेह के लोग पिछले लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि Government उनकी मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. Government का रवैया ऐसा है कि मानो वहां पर कुछ हो ही नहीं रहा है, जबकि वहां के लोग लंबे समय से आंदोलनरत हैं और चाहते हैं कि Government उनकी मांगों पर विचार करे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि लेह के लोग चाहते हैं कि उन्हें राज्य का दर्जा दिया जाए. उन्हें संविधान की छठी अनुसूची में भी शामिल किया जाए. इस सूची में शामिल किए जाने के बाद उन्हें कई प्रकार की संवैधानिक और प्रशासनिक शक्तियां मिलेंगी. इसी वजह से वहां के लोग आंदोलन कर रहे हैं. इसके अलावा ये लोग लेह और कारगिल का दो Lok Sabha सीटों में विभाजन चाहते हैं.
उन्होंने कहा, “लेह के लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि चीन ने उनके बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है. यहां के लोग एक गंभीर दावा कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में मैं समझता हूं कि इस दिशा में Government को विशेष ध्यान रखना चाहिए. यह अफसोस की बात है कि Government का रवैया पूरी तरह से उदासीन है, जिसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.”
कांग्रेस नेता उदित राज ने Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से एटम बम और हाइड्रोजन बम का जिक्र किए जाने पर कहा कि एटम बम का असर दिखना शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक हाइड्रोजन बम नहीं फोड़ा गया है.
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की ओर से कल पिछड़ों के उत्थान के लिए संकल्प पत्र जारी किया गया. मैं समझता हूं कि हमारी पार्टी की तरफ से ऐसा संकल्प पत्र आज तक जारी नहीं किया गया था.
मौजूदा समय में बिहार में अतिपिछड़ों को बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में हमारी पार्टी ने संकल्प पत्र लाकर अच्छा कदम उठाया है. इसमें अति पिछड़ों को सशक्त करने की पूरी रूपरेखा निर्धारित की गई है.
उन्होंने दावा किया कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में अतिपिछड़े समुदाय के लोगों को काफी हद तक सशक्त किया है. मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों को सशक्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. वे बस नाम के लिए पिछले 15-20 वर्षों से अतिपिछड़ों के नेता बने हुए हैं. उन्होंने आज तक अतिपिछड़ों को सशक्त करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. वहां पर ऐसा माहौल बनाया गया कि यादव समुदाय के लोग वहां पर फायदा उठा ले जाते हैं. आज तक इन लोगों ने अतिपिछड़े समुदाय के लोगों के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन हमारी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने संकल्प लिया है कि वे बिहार में अतिपिछड़े समुदाय को सशक्त करके रहेंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर एक बार बिहार के अति पिछड़े समुदाय के लोग सशक्त हो जाएं तो एनडीए पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी. उनके पास कुछ बचेगा नहीं, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के कुछ वोट नीतीश कुमार के पक्ष में हैं.
अति पिछड़ों की श्रेणी में मुस्लिमों को शामिल करने के सवाल पर उदित राज ने कहा कि निसंदेह इसमें सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी समुदाय के लोगों का है. ओबीसी समुदाय के लोगों को Government की तरफ से अपेक्षित फायदा नहीं मिल पाया. इसी को देखते हुए मुझे लगता है कि निसंदेह मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को फायदा पहुंचे.
कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए शाहरुख खान को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया. इस बयान को उदित राज ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा बयान दे रहा है तो वह निश्चित तौर पर गलत बोल रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि शाहरुख खान एक शानदार Actor हैं, जो India ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने शानदार अभिनय के लिए प्रख्यात हैं. ऐसी स्थिति में अगर उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है तो उनकी प्रतिभा को देखते हुए किया गया है. इस कदम के पीछे किसी भी प्रकार की Political आकांक्षा नहीं है.
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एसएचके/वीसी