New Delhi, 24 सितंबर . शारदीय नवरात्रोत्सव की महक चारों ओर बिखरी है. देवी उपासक हर वो प्रयास करते हैं जिससे उनकी कृपा के पात्र बनें. बंगाल में जहां षष्ठी से मां दुर्गे की पूजा का विधान है, वहीं नवरात्र की प्रतिपदा से Gujarat में डांडिया और गरबा की धूम होती है. नवरात्र का पर्व सिर्फ आध्यात्मिक उत्सव नहीं, बल्कि फिटनेस का भी अवसर है. गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य केवल संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि ये कैलोरी बर्न, कार्डियो हेल्थ और मूड बूस्ट करने में भी मदद करते हैं.
गरबा 60–90 मिनट तक लगातार करने पर लगभग 300–400 कैलोरी बर्न होती है, जो हल्के कार्डियो वर्कआउट के बराबर है. रिदमिक मूवमेंट और लगातार कदम उठाने से पैरों की मांसपेशियां, कोर और आर्म्स भी सक्रिय रहते हैं. गरबा करने से हार्ट रेट बढ़ता है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हृदय रोगों का जोखिम घटता है. 2022 की एक स्टडी में पाया गया कि मध्यम गति के नृत्य से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 5–10 एमएमएचजी तक घट सकता है.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक (साल 2014) रिपोर्ट कैलोरी बर्न और डांस के बीच का संबंध बताती है. इसका विषय था कि क्या एक हफ्ते में सही खानपान पान और एक्सरसाइज से वजन घट सकता है, तो इसका उत्तर मिला हां. औसतन, एक घंटे गरबा खेलने से आपकी तीव्रता के स्तर के आधार पर 500 से 700 कैलोरी बर्न हो सकती हैं. शोध के अनुसार, 3,500 किलो कैलोरी बर्न करने से लगभग 0.45 किलोग्राम (1 पाउंड) वजन कम होता है. गरबा सत्रों की अवधि को देखते हुए, नवरात्रि के नौ दिनों में नियमित रूप से भाग लेने से वजन घटाने में काफी मदद मिल सकती है.
डांस को मूड बूस्टर भी माना जाता है. डांस करते समय दिमाग में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है. वहीं गरबा चूंकि एक सामूहिक नृत्य होता है इसलिए टीम में गरबा करने से सोशल बाइंडिंग (बॉन्डिंग नहीं!) और खुशी महसूस होती है. संगीत और रिदम के साथ मूवमेंट से मानसिक फोकस और एनर्जी बढ़ती है. गरबा सिर्फ नृत्य नहीं है बल्कि एक फुल बॉडी वर्कआउट और मूड बूस्टर भी है. यह न सिर्फ कैलोरी बर्न करता है बल्कि दिल का खास ख्याल भी रखता है.
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केआर/