New Delhi, 24 सितंबर . इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट 13 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगा. इस मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया है.
आईआरसीटीसी होटल घोटाले से जुड़े मामले में अदालत 13 अक्टूबर को आरोप तय करेगी. इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, रबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. कोर्ट ने उस दिन व्यक्तिगत रूप से सभी आरोपियों को पेश होने को कहा है.
यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव वाले टेंडर में कथित गड़बड़ी से जुड़ा है. मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव भी आरोपी हैं. अदालत के आदेश से यह तय होगा कि इस मामले में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलेगा या नहीं.
आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री (2004 से 2009 तक) रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का कॉन्ट्रेक्ट एक फर्म को देने में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ था. आईआरसीटीसी के ये होटल बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी थे. रखरखाव का ठेका विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली एक निजी फर्म सुजाता होटल को मिला था.
मामले में कुल 14 आरोपी हैं. लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने जुलाई 2017 में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ इस मामले में First Information Report दर्ज की थी. सीबीआई ने दावा किया कि टेंडर के बदले में लालू प्रसाद यादव को एक बेनामी कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ प्रमुख भूमि मिली. मामले में सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी भी की थी.
हालांकि, लालू परिवार सीबीआई के आरोपों को खारिज कर चुका है. लालू परिवार की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि सीबीआई के पास इस केस में मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं हैं. फिलहाल 13 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो जाएगा कि लालू परिवार पर मुकदमा चलेगा या नहीं.
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