कैबिनेट ने आरएंडडी में इनोवेशन और यंग टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए 2,277 करोड़ रुपए के बजट वाली डीएसआईआर स्कीम को दी मंजूरी

New Delhi, 24 सितंबर . कैबिनेट ने Wednesday को एक मजबूत आरएंडडी ड्रिवन इनोवेशन इकोसिस्टम तैयार करने और युवा प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2,277.397 करोड़ रुपए के कुल बजट वाली डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च/ काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (डीएसआईआर/सीएसआईआर) स्कीम को मंजूरी दे दी.

Prime Minister Narendra Modi की अध्यक्षता वाली कैबिनेट के अनुसार, ‘कैपेसिटी बिल्डिंग एंड ह्युमन रिसोर्स डेवलपमेंट’ योजना को 15वें वित्त आयोग के 2021-22 से 2025-26 के कार्यकाल के लिए मंजूरी दे दी गई है.

सीएसआईआर द्वारा लागू की जाने वाली यह योजना देश भर के सभी आरएंडडी संस्थानों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों को कवर करेगी.

कैबिनेट नोट के अनुसार, यह पहल विश्वविद्यालयों, उद्योग, राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवा और रिसर्चर्स को एक बड़ा मंच प्रदान करेगी. इस योजना से प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, मेडिकलस और मैथमेटिक्स साइंस (एसटीईएमएम) के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा.

नोट के अनुसार, ‘कैपेसिटी बिल्डिंग एंड ह्युमन रिसोर्स डेवलपमेंट’ स्कीम India में एसएंडटी सेक्टर के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

इस योजना ने एसएंडटी सेक्टर में क्षमता और हाई-क्वालिटी ह्युमन रिसोर्स पूल को बढ़ाकर अपनी उपयोगिता साबित की है.

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की रैंकिंग के अनुसार, India ने 2024 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में 39वां स्थान प्राप्त किया है, जो Prime Minister के दूरदर्शी मार्गदर्शन में निकट भविष्य में और बेहतर होगा.

एनएसएफ, यूएसए डेटा के अनुसार, Government द्वारा रिसर्च एंड डेवलपमेंट को सपोर्ट के परिणामस्वरूप साइंटिफिक पेपर पब्लिकेशन के मामले में India अब टॉप तीन देशों में अपनी जगह बनाता है.

डीएसआईआर की स्कीम हजारों रिसर्च स्कॉलरों और वैज्ञानिकों को सपोर्ट कर रही है, जिनके योगदान ने India की एसएंडटी की उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

इस मंजूरी से सीएसआईआर के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर स्थापित हुआ है, जो भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान को 84 वर्षों से सेवा प्रदान कर रहा है.

यह पहल Government की 21वीं सदी में भारतीय विज्ञान को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.

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