अगरतला, 23 सितंबर . शारदीय नवरात्रि व दुर्गा पूजा के उत्सवपूर्ण माहौल में त्रिपुरा Government ने Governmentी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को विशेष सौगात दी है. Chief Minister डॉ. माणिक साहा ने Tuesday को 13वीं त्रिपुरा विधानसभा के आठवें सत्र के अंतिम दिन Governmentी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (डीआर) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की.
यह वृद्धि 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी, जिससे राज्य के लगभग 1.90 लाख कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा. इस फैसले से राज्य कोष पर अतिरिक्त 125 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा, लेकिन Government ने इसे त्योहारी सीजन की सौगात बताया है.
सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. साहा ने कहा, “हमारी Government कर्मचारी-हितैषी है. हमारा उद्देश्य न केवल कर्मचारियों, बल्कि पूरे राज्य के विकास को सुनिश्चित करना है. मेरे सत्ता संभालने के बाद पहले ही 29 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, और अब अतिरिक्त 3 प्रतिशत की घोषणा कर रहे हैं. वित्तीय चुनौतियों के बावजूद यह कदम उठाया गया है. 1 प्रतिशत वृद्धि के लिए भी करीब 100 करोड़ रुपए लगते हैं. यह प्रत्येक कर्मचारी के लिए सहायक सिद्ध होगा और दुर्गा पूजा का विशेष उपहार बनेगा.” यह घोषणा विधानसभा सत्र के अंतिम दिन की गई, जो 23 सितंबर को संपन्न हो रहा है.
वित्त मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने घोषणा का समर्थन करते हुए कहा कि Government राज्य के समग्र विकास के साथ-साथ कर्मचारी-समर्थक नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि यह बढ़ोतरी डीए को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर देगी, जो केंद्र Government के डीए (50 प्रतिशत) से अभी पीछे है, लेकिन राज्य की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह एक सकारात्मक कदम है. रॉय ने कहा, “हम बुनियादी ढांचे, अच्छे शासन और व्यापार सुगमता पर फोकस कर रहे हैं. यह वृद्धि त्योहारी मंदी में राहत प्रदान करेगी.”
यह घोषणा कर्मचारियों व पेंशनभोगियों में उत्साह लेकर आई है, जो त्योहारी खरीदारी व पारिवारिक खर्चों के लिए अतिरिक्त धनराशि की प्रतीक्षा में थे. त्रिपुरा में दुर्गा पूजा राज्य का प्रमुख त्योहार है, जहां पंडालों की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम व सामूहिक भोज का आयोजन होता है. पिछले वर्षों में भी Government ने त्योहारी मौके पर ऐसी राहत पैकेज घोषित किए थे, लेकिन इस बार 125 करोड़ का अतिरिक्त खर्च राज्य के 32,423 करोड़ के बजट पर दबाव डालेगा. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगा, क्योंकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी.
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एससीएच