असम में आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई

गुवाहाटी, 23 सितंबर . असम के गुवाहाटी में संचालित ऑल इंडिया सर्विसेज ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की भूमि धोखाधड़ी मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है.

ईडी के गुवाहाटी जोनल ऑफिस ने 18 सितंबर को आरोपी राजेंद्र नाथ की आठ अचल संपत्तियों को कुल कीमत लगभग 94.22 लाख रुपए की प्रावधानिक जब्ती की है. यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई.

यह मामला मुख्य रूप से आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनी के लिए भूमि से जुड़ी धोखाधड़ी से संबंधित है. ईडी ने हाल ही में आरोपियों साउतिक गोस्वामी और राजेंद्र नाथ के खिलाफ अभियोजन शिकायत भी दायर की है, जिसकी सुनवाई कोर्ट में अभी शुरू नहीं हुई है.

यह पूरा मामला गुवाहाटी के बासिष्ठा Police स्टेशन में दर्ज एक First Information Report पर आधारित है, जिसमें साउतिक गोस्वामी, राजेंद्र नाथ और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं. First Information Report में कहा गया है कि अधिकारियों की इस सोसायटी ने लगभग 86 बीघा जमीन खरीदने के लिए साउतिक गोस्वामी को 3.60 करोड़ रुपए अग्रिम रूप में दिए थे. लेकिन हकीकत में सोसायटी को कोई जमीन नहीं मिली और मात्र 50 लाख रुपए वापस लौटाए गए. बाकी 3.10 करोड़ रुपए का दुरुपयोग किया गया, जिसे ईडी ने अपराध से प्राप्त धन के रूप में माना है.

ईडी की जांच में पता चला कि साउतिक गोस्वामी ने राजेंद्र नाथ के साथ मिलकर सोसायटी के लिए जमीन खरीदने का एक निजी समझौता किया था. जांच के दौरान मिली नकद भुगतान की रसीदें और पीएमएलए के तहत दर्ज बयान इस बात की पुष्टि करते हैं.

जांच से यह भी पता चला कि इस धोखाधड़ी के बाद राजेंद्र नाथ ने 2016 से 2023 के बीच कई संपत्ति खरीदी, जिनका कोई कानूनी आय से संबंध नहीं बताया जा सका.

जब्त की गई संपत्तियों में असम के कुकुरमारा, जोगीपारा, बरहंती मणियारी, बंगारा, कवाइमारी और रामपुर गांवों के प्लॉट शामिल हैं. ईडी इस मामले में आगे भी गहन जांच कर रहा है और जल्द ही अन्य अहम खुलासे होने की संभावना है.

इस मामले में अधिकारी समूह की आवास योजना में हुए इस धोखाधड़ी मामले पर कड़ी नजर बनाए रखी जा रही है. आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है, क्योंकि मामले में आगे की जांच जारी है.

वीकेयू/डीएससी