जोजरी नदी में प्रदूषण से राजस्थान के कई गांवों को नुकसान, सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

New Delhi, 23 सितंबर . Supreme court में Tuesday को Rajasthan की जोजरी नदी में प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. नदी में प्रदूषण की वजह से यहां की कृषि योग्य भूमि बंजर हो गई है. इसके चलते स्थानीय लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. Supreme court ने 16 सितंबर को मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि नदी में औद्योगिक कचरे से सैकड़ों गांव प्रभावित हो रहे हैं.

नागौर जिले में पूंडलू गांव के पास की पहाड़ियों से निकलने वाली यह नदी जोधपुर जिले में खेजड़ला खुर्द के पास लूनी नदी में मिल जाती है. नदी के किनारे बड़ी संख्या में कपड़ा उद्योग और टाइल्स निर्माण उद्योग की फैक्ट्रियां हैं.

आरोप है इनसे निकलने वाला औद्योगिक कचरा नदी में डाला जा रहा है. इसका असर सैकड़ों गांवों पर पड़ा है. कचरे की वजह से जहरीले हो चुके जोजरी नदी के पानी ने पर्यावरण और आम जनमानस को नुकसान पहुंचाया है. नदी का पानी जानवरों के लिए भी जहरीला हो गया है, जिससे न केवल स्वास्थ्य बल्कि पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है.

पश्चिमी Rajasthan की जीवनरेखा कही जाने वाली जोजरी नदी आज जहरीली हो गई है. जोधपुर से पाली और बालोतरा तक बहने वाली इस नदी में लगभग 400 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी और कचरा डाला जा रहा है. इसकी वजह से नदी का पानी पीने योग्य नहीं है.

जोजरी नदी Rajasthan के जोधपुर जिले में स्थित 83 किलोमीटर लंबी मौसमी नदी है. इसका उद्गम नागौर जिले से होता है. यह उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहते हुए जोधपुर जिले के खेड़ालदा खुर्द के पास लूनी नदी में मिलती है. नदी का जलग्रहण क्षेत्र लगभग 3,600 वर्ग किलोमीटर तक में फैला हुआ है.

मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.

एसएके/वीसी