एस जयशंकर और मार्को रूबियो ने प्राथमिक क्षेत्रों में ‘निरंतर सहयोग’ पर जताई सहमति

न्यूयॉर्क, 22 सितंबर . India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने Monday को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की और सतत संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई.

जयशंकर ने बैठक के बाद social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. हमने प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए सतत संवाद की अहमियत पर सहमति जताई.”

उन्होंने बैठक को ‘अच्छी’ बताया और कहा कि हम संपर्क में रहेंगे.

खास बात रही कि मार्को रूबियो की दिन की पहली द्विपक्षीय बैठक भी यही थी, जिसमें उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात की.

बैठक से पहले दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने गर्मजोशी से हाथ मिलाया, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. सम्मेलन कक्ष को भारतीय और अमेरिकी झंडों व फूलों से सजाया गया था.

हालांकि, India और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों और रूस से तेल खरीद को लेकर मतभेद रहे हैं, फिर भी रणनीतिक रूप से दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत है. इसका उदाहरण क्वाड समूह है, जिसमें India और अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं और जिसका फोकस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना है.

रूबियो इससे पहले जुलाई में वॉशिंगटन डीसी में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने India और अन्य देशों को अमेरिका के ‘महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार’ बताया था.

हाल ही में India और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर New Delhi में वार्ता हुई. इसमें अमेरिका की ओर से ब्रेंडन लिंच और India की ओर से राजेश अग्रवाल शामिल हुए. India ने इस बातचीत को ‘सकारात्मक और भविष्यद्रष्टि वाली’ बताया.

Prime Minister Narendra Modi के जन्मदिन पर अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें बधाई दी और ‘यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में मदद’ के लिए धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने भी जवाब में लिखा, “मैं भी भारत-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.”

हालांकि, इन सकारात्मक कदमों के बीच अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा को लेकर नई कड़ी नियमावली लागू करने की घोषणा ने चिंता बढ़ा दी है. ट्रंप Government ने वीजा शुल्क 100,000 डॉलर तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे कई पेशेवरों के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद हो सकते हैं.

वीकेयू/डीएससी