Mumbai , 22 सितंबर . पूर्व सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद परांजपे ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के उस आदेश की आलोचना की, जिसमें दुर्गा पूजा के मौके पर आयोजित गरबा नृत्य में शामिल होने वाले लोगों की जांच करने की बात कही गई है.
आनंद परांजपे ने दोनों हिंदू संगठनों के इस आदेश को निंदनीय बताते हुए कहा कि इस तरह किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कई बार मुस्लिम धर्म से संबंधित त्योहारों में भी हिंदू समुदाय के लोग शामिल होते हैं, तब तो उनसे कभी उनकी पहचान के बारे में नहीं पूछा जाता. निसंदेह, अगर इस संबंध में किसी भी प्रकार का फैसला किया जा रहा है, तो उसे लेने का अधिकार Maharashtra Government के पास है, न किसी और के पास.
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से Maharashtra Government की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था मजाक नहीं बनाए. जहां कहीं भी महिलाएं रहें, वे पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें. उनकी सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए. निसंदेह, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य Government की है.
उन्होंने कहा कि Maharashtra में गरबा के सुरक्षित आयोजन के लिए Police की ओर से पूरी तैयारी पहले ही कर चुकी है. इस संबंध में पूरी रूपरेखा काफी पहले ही निर्धारित की चुकी है, लेकिन इस पूरी स्थिति को किसी भी तरह से धार्मिक रंग देना मुनासिब नहीं रहेगा.
उन्होंने आगे कहा कि India एक सहिष्णु देश है और ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि अगर कहीं पर भी कानून व्यवस्था की दिक्कत होगी तो Maharashtra Police इस दिशा में तत्काल हस्तक्षेप करेगी.
उन्होंने केंद्र Government की ओर से GST सुधार के संबंध में लिए फैसले का स्वागत किया और कहा कि इस फैसले के बाद अब दो ही तरह के स्लैब रहेंगे. इससे किसानों और अन्य लोगों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा.
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर हम Political क्षेत्र में एक-दूसरे के विरोधी हो सकते हैं, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि Prime Minister के पद की एक गरिमा होती है और उसके साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए.
उन्होंने सुझाव दिया कि अगर हमें इस बात की जानकारी हो कि Government के किसी कदम से देश की जनता को समग्र रूप से फायदा मिलने जा रहा है तो निसंदेह हम सभी को उसका स्वागत करना चाहिए. हमें Government के फैसले पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाना चाहिए. मुझे लगता है कि इस थ्योरी को कांग्रेस को खुद पर लागू करना चाहिए.
वहीं, संजय राउत की ओर से Prime Minister मोदी के संबोधन की टाइमिंग पर सवाल उठाए जाने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि मुझे संजय राउत की बुद्धिमत्ता पर तरस आता है.
उन्होंने कहा कि अब क्या ऐसी स्थिति पैदा हो चुकी है कि Prime Minister कार्यालय को संजय राउत से पूछकर पीएम की प्रेस ब्रीफिंग की टाइमिंग निर्धारित करनी होगी. मैं कुल मिलाकर यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि Prime Minister के पद की एक गरिमा होती है. वो जब चाहे, तब प्रेस ब्रीफिंग कर सकते हैं. इसके अलावा, Pakistan के खिलाफ जिस तरह का कदम Prime Minister ने लिया है, वह सराहनीय है. देश की पूरी जनता इसका स्वागत करती है.
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एसएचके/वीसी