शामली, 22 सितंबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद जनपद शामली में वाहनों पर जाति संबंधी नाम लिखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब किसी भी वाहन पर जाट, ब्राह्मण, गुर्जर, प्रजापति, ठाकुर या अन्य किसी जातीय पहचान को दर्शाने वाले नाम लिखना गैरकानूनी होगा.
इस आदेश के तहत Police प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है और सख्ती से नियमों का पालन कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
Chief Minister योगी आदित्यनाथ का मानना है कि गाड़ियों पर जातीय नाम लिखने की परंपरा समाज में भेदभाव और तनाव को बढ़ावा देती है. कई बार ऐसी पहचान के कारण आपसी विवाद, झगड़े और नफरत फैलने की घटनाएं सामने आई हैं. इसे देखते हुए Government ने सख्त कदम उठाया है.
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वाहनों पर सिर्फ निर्धारित नंबर प्लेट ही होनी चाहिए, और जाति से जुड़ा कोई भी नाम, स्टिकर या स्लोगन नहीं लिखा जा सकता. इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
शामली Police प्रशासन ने आदेश के अनुपालन के लिए कमर कस ली है. ट्रैफिक Police को विशेष रूप से सतर्क किया गया है. Police अधीक्षक (एसपी) शामली नरेंद्र प्रताप ने वायरलेस के माध्यम से सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों की सघन जांच की जाए. अगर किसी वाहन पर जातीय नाम पाया गया, तो वाहन मालिक के खिलाफ चालान के साथ-साथ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी.
Police का कहना है कि नियमों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. गाड़ियों पर सिर्फ नंबर प्लेट ही मान्य होगी, और कोई भी अतिरिक्त स्टिकर या लेखन गैरकानूनी माना जाएगा. एसपी नरेंद्र प्रताप ने जनपदवासियों से अपील की है कि वे इस नियम का पालन करें और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करें.
उन्होंने कहा कि यह आदेश समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है. गाड़ियों पर जातीय नाम लिखने से न केवल सामाजिक तनाव बढ़ता है, बल्कि कानून-व्यवस्था भी प्रभावित होती है. Police की इस चेतावनी के बाद वाहन मालिकों में हड़कंप मच गया है. कई लोग पहले ही अपनी गाड़ियों पर लिखे जातीय नाम हटाने में जुट गए हैं.
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. Police की टीमें सड़कों पर गाड़ियों की जांच करेंगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी. इस कदम से न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सड़कों पर अनुशासन भी सुनिश्चित होगा.
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एकेएस/एएस