गडचिरौली, 22 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने नई GST व्यवस्था को लेकर दावा किया है कि इससे आम लोगों की बचत होगी और उन्हें अलग-अलग करों के बोझ से मुक्ति मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि यह ढांचा सभी राज्यों से चर्चा के बाद तैयार किया गया है, ताकि हर वर्ग का हित सुनिश्चित हो सके.
अजित दादा पवार गुट के पूर्व मंत्री और अहेरी विधानसभा से विधायक धर्मरावबाबा आत्राम ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र Government ने इस निर्णय के जरिए आम जनता को बड़ी राहत दी है. पहले 28 फीसदी GST लग्जरी कारों और महंगे सामानों पर लगाया जाता था, जिसे अब घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, टूथपेस्ट और टूथब्रश जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि खेती और ट्रैक्टर से जुड़े सामानों पर भी GST घटाने का फैसला किया गया है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ कम होगा और कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. वहीं, इंश्योरेंस सेक्टर को जीरो फीसदी GST के दायरे में लाना एक ऐतिहासिक निर्णय है. पहले अधिक प्रीमियम के कारण लोग बीमा लेने से कतराते थे, लेकिन अब यह आम नागरिकों के लिए सुलभ और किफायती हो गया है.
आत्राम ने आगे कहा कि इस निर्णय से मध्यमवर्गीय और व्यापारी वर्ग में खुशी का माहौल है. उन्होंने Prime Minister मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि Government का यह कदम देश की जनता को बड़ी राहत देने वाला है.
बता दें कि India के टैक्स सिस्टम में Monday से यह बदलाव लागू हो गया है. नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में Government का बड़ा कदम है. GST 2.0 एक बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य India की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाना और 375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम करना है.
GST फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर GST दर शून्य हो गई है. ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी. नई GST दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा. पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था.
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पीएसके