तिहाड़ जेल में बनी मकबूल बट्ट और अफजल गुरु की कब्र हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

New Delhi, 21 सितंबर . दिल्ली की तिहाड़ जेल में दफन किए गए दो आतंकियों, मोहम्मद मकबूल बट्ट और मोहम्मद अफजल गुरु, की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई है.

यह याचिका ‘विश्व वैदिक सनातन संघ’ नाम की संस्था द्वारा दायर की गई है, जिसमें कोर्ट से गुजारिश की गई है कि इन कब्रों को तिहाड़ जेल नंबर-3 से हटाकर किसी गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए.

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के सामने यह तर्क रखा है कि इन आतंकियों को India की पवित्र भूमि पर दफनाए रखना न सिर्फ देश के शहीदों का अपमान है, बल्कि इससे देशवासियों की भावनाएं भी आहत होती हैं.

याचिका में कहा गया है कि मोहम्मद मकबूल बट्ट और मोहम्मद अफजल गुरु जैसे आतंकियों की कब्रें तिहाड़ जेल परिसर में बनी रहना, उन तमाम वीर जवानों और आम नागरिकों के बलिदान का अपमान है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान दी.

याचिकाकर्ता संगठन ने अदालत से यह अपील की है कि इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हित से जोड़कर देखा जाए.

संस्था ने कोर्ट को आगाह किया कि इन कब्रों को प्रतीक बनाकर कुछ लोग या संगठन देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं, जो भविष्य में आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.

इस याचिका में यह मांग की गई है कि दोनों आतंकियों की कब्रों को किसी अज्ञात और गुप्त स्थान पर शिफ्ट किया जाए, जहां किसी को भी उनका महिमामंडन करने का मौका न मिले.

दिल्ली हाईकोर्ट से याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई की अपील की है. उम्मीद जताई जा रही है कि कोर्ट आने वाले दिनों में इस याचिका पर विचार करते हुए Government और जेल प्रशासन से जवाब मांग सकता है.

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