ढाका, 21 सितंबर . बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने Sunday को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर देश की राजनीति को प्रभावित करने और विश्वविद्यालयों में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया.
ढाका ट्रिब्यून ने ‘जातीय प्रेस क्लब’ में एक चर्चा के दौरान बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी के हवाले से कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “क्या ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ के उपाध्यक्ष को परिसर में कौन सी दुकान वैध है और कौन सी अवैध, यह तय करने का मजिस्ट्रेटी अधिकार दिया गया है? उन्होंने एक दुकान पर 3,000 टका (बांग्लादेशी टका) का जुर्माना लगाया और फिर उस पैसे को बैतुल माल (पार्टी के कोष) में जमा कर दिया. इसका कानूनी आधार क्या है?”
बीएनपी नेता ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में, परिसर के भीतर दुकानों या बाजारों का संचालन करने वालों पर नजर रखना प्रशासन का कर्तव्य है, और अगर परिसर का शांतिपूर्ण और व्यवस्थित माहौल बिगड़ता है, तो छात्र नेता आवाज उठा सकते हैं.
बीएनपी नेता ने स्वायत्त ईकाई के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए आगे कहा, ” लेकिन इसके बजाय, आप जुर्माना लगा रहे हैं और वह पैसा जमात के पार्टी कोष में जा रहा है. यह बहुत गंभीर मामला है. हमने हमेशा देखा है कि उनकी गतिविधियां ‘स्टेट विदिन स्टेट’ का निर्माण कर रही हैं, और अब हम ऐसा ही माहौल देख रहे हैं.”
रिजवी ने विश्वविद्यालय के हॉल में आयरन बेड उपलब्ध कराने के लिए जमात की छात्र शाखा, इस्लामी छात्र शिविर की भी आलोचना की और सवाल किया कि क्या यह जिम्मेदारी किसी Political दल की होनी चाहिए या छात्र संघ की.
बीएनपी नेता ने कहा, “अगर छात्रों की कोई मांग है, तो उन्हें कुलपति से मोलभाव करना चाहिए. अगर आवास, बिस्तर या अन्य सुविधाओं की कमी है, तो उसे दूर करना प्रशासन का कर्तव्य है.”
उन्होंने आगे कहा, “यह बहुत अजीब है. यह राज्य के कानूनी आधार को कमजोर करता है और विश्वविद्यालय के समुचित कामकाज के खिलाफ है. क्या आप एक अनाथालय चला रहे हैं कि आप आयरन बेड उपलब्ध कराते हैं? क्या आप खाने के लिए डाइनिंग टेबल भी उपलब्ध कराएंगे? हमारे विचार से, इस तरह की हरकतें बहुत बुरा संकेत हैं.”
उन्होंने अफसोस जताया कि मीडिया जमात नेताओं और कार्यकर्ताओं के कुकर्मों को उजागर करने में विफल रहता है, जबकि बीएनपी के खिलाफ आरोपों की व्यापक रूप से रिपोर्टिंग की जाती है.
रिजवी ने यह भी दावा किया कि मीडिया और social media अक्सर बीएनपी पर जबरन वसूली, रेत उठाने या पत्थर चोरी का आरोप लगाते हैं, जबकि जमात नेताओं के यौन उत्पीड़न या महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार जैसे अपराधों में शामिल होने की कभी रिपोर्ट नहीं करते.
बांग्लादेश के मौजूदा हालात ठीक नहीं है. स्पष्ट है कि जिन पार्टियों ने पहले देश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर पूर्व Prime Minister शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई Government को उखाड़ फेंकने में सहयोग किया था, वे अब आपस में ही भिड़ने लगे हैं.
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केआर/