मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का एक्शन, दिल्ली और हिमाचल में छह ठिकानों पर छापेमारी

New Delhi, 21 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने 19 और 20 सितंबर को दिल्ली और Himachal Pradesh के कुल 6 ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी दिल्ली बेस्ड इम्पीरियल ग्रुप के चेयरमैन मनविंदर सिंह, उनकी पत्नी सागरी सिंह और उनसे जुड़ी संस्थाओं और अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर की गई. यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत की गई.

इस जांच की शुरुआत तब हुई, जब ईडी को जानकारी मिली कि मनविंदर सिंह, सागरी सिंह और इम्पीरियल ग्रुप की कंपनियों के नाम पर विदेशों में भारी मात्रा में अघोषित संपत्तियां और बैंक खाते मौजूद हैं.

ईडी की इस छापेमारी में कई अहम सबूत हाथ लगे हैं जिनसे साफ हुआ है कि मनविंदर सिंह और सागरी सिंह के नाम पर सिंगापुर, Dubai , थाईलैंड और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में अघोषित संपत्तियां और विदेशी बैंक खाते हैं. छापे के दौरान विदेशी बैंक की पासबुक और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

एयरोस्टार वेंचर प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर में मनविंदर सिंह और सागरी सिंह दोनों ही लाभार्थी हैं और मनविंदर इसके निदेशक भी हैं.

यूनाइटेड एयरोस्पेस डीडब्ल्यूसी एलएलसी, Dubai कंपनी में भी दोनों पति-पत्नी लाभार्थी हैं और मनविंदर सिंह अकेले निदेशक हैं.

ईडी की जांच में सामने आया है कि इस कंपनी के जरिए करोड़ों रुपए के लेन-देन किए गए. India में मौजूद संस्थाओं और खुद मनविंदर-सागरी को वेतन और अनसिक्योर्ड लोन के नाम पर पैसे भेजे गए.

इसी कंपनी के नाम पर रॉबिनसन 66 हेलीकॉप्टर (कीमत लगभग 7 करोड़ रुपए) मई 2025 में खरीदा गया. यह हेलीकॉप्टर India में इम्पीरियल ग्रुप की औरमा घाटी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट (नालदेहरा, हिमाचल) के लिए मंगवाया गया. 31 मार्च 2025 तक Dubai की इस कंपनी के पास 38 करोड़ रुपए की संपत्ति थी.

विला समायरा, कोह समुई (थाईलैंड) का यह आलीशान विला भी मनविंदर सिंह, सागरी सिंह और उनके परिवार के नाम पर है, जिसकी अनुमानित कीमत 16 करोड़ रुपए से अधिक है. ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में भी कई अघोषित कंपनियां और बैंक खाते पाए गए हैं.

अब तक की जांच में यह सामने आया है कि विदेशों में मनविंदर सिंह और सागरी सिंह के पास 80 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित संपत्ति है.

Himachal Pradesh के नालदेहरा स्थित औरमाह वैली रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट की तलाशी के दौरान यह भी पता चला कि फ्लैट की बिक्री में आंशिक भुगतान कैश में लिया जा रहा था. प्रोजेक्ट के अंदर रखी गई ‘पैरेलल बहीखातों’ से पता चला कि अब तक 29 करोड़ रुपए कैश में वसूले जा चुके हैं.

ईडी के अनुसार, मनविंदर सिंह और इम्पीरियल ग्रुप की पूरी योजना के जरिए India में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स आदि से कैश कमाया जाता है. यह कैश हवाला या अन्य गैर-कानूनी तरीकों से विदेश भेजा जाता है. विदेश में इससे संपत्तियां खरीदी जाती हैं या कंपनियों में निवेश किया जाता है. फिर यही पैसा राउंड ट्रिपिंग के जरिए India वापस लाया जाता है.

जब्त की गई संपत्ति में कुल 50 लाख रुपए कैश (जिसमें 50,000 रुपए पुराने 500 के नोट भी शामिल हैं). इसके साथ ही 14,700 डॉलर विदेशी मुद्रा जब्त किए गए हैं. तीन लॉकर फ्रीज करने के साथ ही कई अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं. Enforcement Directorate की यह कार्रवाई अब भी जारी है और जांच में और बड़े खुलासे होने की संभावना है.

वीकेयू/वीसी