गरबा और डांडिया जैसे आयोजनों में धार्मिक परंपराओं का पालन अनिवार्य : श्रीराज नायर

New Delhi, 21 सितंबर . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने नवरात्रि उत्सव को लेकर स्पष्ट किया कि यह कोई साधारण मनोरंजन कार्यक्रम नहीं, बल्कि मां दुर्गा की भक्ति और अनुष्ठान से जुड़ा पवित्र पर्व है.

उन्होंने कहा कि गरबा और डांडिया जैसे आयोजनों में धार्मिक परंपराओं का पालन अनिवार्य है. नवरात्रि के दौरान गरबा से पहले मां दुर्गा की आरती और समापन पर पुनः पूजा की परंपरा होती है, जो इस उत्सव की धार्मिक गरिमा को दर्शाती है.

श्रीराज नायर ने जोर देकर कहा कि नवरात्रि में केवल वही लोग शामिल हों जो हिंदू धर्म और मूर्ति पूजा में विश्वास रखते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग इन मान्यताओं का सम्मान नहीं करते, उनके लिए इस पवित्र आयोजन में प्रवेश उचित नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने परिवार के साथ इस उत्सव में शामिल होता है, तो उसका हार्दिक स्वागत है. विहिप ने सभी आयोजकों से अनुरोध किया है कि वे नवरात्रि की धार्मिक मर्यादा और पवित्रता को बनाए रखें.

इसके साथ ही, श्रीराज नायर ने Odisha Government के स्कूल पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल करने के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया.

उन्होंने कहा कि India का गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर बच्चों को पढ़ाई जानी चाहिए. गीता, रामायण, वेद और पुराण जैसे ग्रंथों की शिक्षा से बच्चों में नैतिक मूल्यों, संस्कारों और आत्मविश्वास का विकास होगा.

उन्होंने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक बच्चों को अकबर और औरंगजेब जैसे आक्रांताओं का इतिहास पढ़ाया जाता रहा है, जो उचित नहीं है.

उन्होंने जोर दिया कि India की सच्ची पहचान उसके धर्म, शास्त्र और संस्कृति में निहित है. इन ग्रंथों की शिक्षा से नई पीढ़ी में देश के प्रति गर्व और नैतिक बल का संचार होगा.

उन्होंने कहा कि भगवद गीता जैसे ग्रंथ न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन भी करते हैं. विश्व हिंदू परिषद इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए Odisha Government की सराहना करता है. ऐसी शिक्षा प्रणाली से बच्चों में सकारात्मक सोच और देशभक्ति की भावना जागृत होगी, जो India को और सशक्त बनाएगी.

एकेएस/एएस