बिहार को जंगलराज की गोद में धकेलना चाहती है राजद-कांग्रेस: शांभवी चौधरी

Patna, 20 सितंबर . बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के सियासी गलियारों में इन दिनों एनडीए और इंडी अलायंस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों पर है.

इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने Saturday को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये दोनों पार्टियां सत्ता के नशे में चूर होकर बिहार को फिर से उस काले दौर ‘जंगलराज’ की ओर धकेलना चाहती हैं, जब अपराध और अराजकता राज्य की पहचान बन गई थी.

लोजपा (रामविलास) सांसद ने वर्तमान डबल इंजन Government की खुलकर तारीफ की और कहा कि एनडीए की विचारधारा बिहार को विकसित राज्य बनाने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पित है. हम बिहार की बेटियां हैं, हमने वह दौर देखा है जब घर की बेटियां घर का चौखट तक लांघने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थीं. लेकिन आज Prime Minister Narendra Modi, Chief Minister नीतीश कुमार और चिराग पासवान के नेतृत्व में बिहार विकसित राज्य की राह पर तेजी से बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एनडीए Government के प्रयासों की सराहना की. कहा कि Chief Minister नीतीश कुमार ने छात्राओं के लिए साइकिल योजना शुरू की, जिससे बेटियां स्कूल तक आसानी से पहुंच सकें. इसके अलावा, Governmentी नौकरियों में आरक्षण देकर उन्हें अवसर प्रदान किए गए. जिन महिलाओं को नौकरी नहीं मिल पाई, उनके लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि की व्यवस्था की गई. जीविका योजना के तहत गांव-गांव में महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं.

एनडीए Government युवाओं और महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है, जो राज्य के समग्र विकास की कुंजी है. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हमारा सबसे अनुरोध है कि एक-एक वोट एनडीए के खाते में जाए. विकसित बिहार के संकल्प के लिए हम सभी मिलकर आगे बढ़ें.

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हमें काफ़ी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. हम अभी एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के पांचवें चरण में हैं और हमें लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है.

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के बयान पर कहा कि उनकी हार की हताशा अब साफ़ दिखाई दे रही है. वे ऐसी बातें कह रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है.

डीकेएम/डीएससी