हरियाणा: नूंह रोडवेज डिपो ने राजस्व संग्रह में लगाई बड़ी छलांग, 19 से छठवें स्थान पर पहुंचा

नूंह, 20 सितंबर . Haryana में नूंह रोडवेज डिपो ने राजस्व संग्रह के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है. कभी 19वें पायदान पर रहने वाला यह डिपो अब राज्य में छठे स्थान पर पहुंच गया है. इस उपलब्धि के पीछे डिपो के महाप्रबंधक (जीएम) कुलदीप जांगड़ा के नेतृत्व में किए गए रणनीतिक बदलाव और सुधार कार्य प्रमुख हैं.

विभाग को अब प्रतिदिन 2 से 3 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है, जो पहले 81 बसों से प्रतिमाह लगभग 5.50 लाख रुपए था. अब यह आंकड़ा प्रतिदिन करीब 8 लाख रुपए तक पहुंच गया है.

जीएम कुलदीप जांगड़ा ने चार्ज संभालने के बाद ग्रामीण और शहरी रूटों में बदलाव किए, जिसके परिणामस्वरूप यह बदलाव संभव हो पाया है.

नए रूट जैसे बड़कली-पुनहाना, पुनहाना वाया शिकरावा-नूंह, नूंह वाया उटावड़-हथीन और देवला नंगली-नूंह शुरू किए गए हैं. इसके अलावा बालिका शिक्षा वाहिनी बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं, जिससे छात्राओं को आवागमन में सुविधा हुई है.

जांगड़ा ने बताया कि अनुशासनहीनता करने वाले चालकों और परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई, जिससे कार्यक्षमता में सुधार हुआ. डिपो के बेड़े में हाल ही में 22 नई बसें शामिल की गई हैं और अगले एक महीने में 18 और नई बसें जोड़ी जाएंगी. पुरानी बीएस-4 श्रेणी की 10 बसें कुरुक्षेत्र डिपो को भेजी गई हैं और 15 अन्य बसें जल्द ही हिसार डिपो को स्थानांतरित की जाएंगी.

उन्होंने बताया कि पहले बसें प्रतिदिन औसतन 20,000 किलोमीटर का सफर तय करती थीं, जो अब बढ़कर 25,000 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया है. इससे न केवल राजस्व में वृद्धि हुई, बल्कि यात्रियों को बेहतर सेवाएं भी मिल रही हैं. जीएम का अगला लक्ष्य अवैध वाहनों पर नकेल कसना है. हाल ही में एक अवैध बस का चालान किया गया, जो लंबे समय से नियमों का उल्लंघन कर नूंह की सड़कों पर चल रही थी.

जीएम कुलदीप जांगड़ा ने कहा कि आरटीए और Police विभाग के सहयोग से अवैध वाहनों के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा, ताकि राजस्व को और बढ़ाया जा सके और नूंह डिपो को राज्य में शीर्ष तीन में शामिल किया जा सके.

Haryana रोडवेज डिपो नूंह का फोकस अब उन ग्रामीण क्षेत्रों को बस सेवाओं से जोड़ने पर है, जहां दशकों से सीधी बस सेवा उपलब्ध नहीं थी. इन सुधारों के चलते नूंह डिपो न केवल राजस्व के मामले में बल्कि सेवा गुणवत्ता में भी राज्य में चर्चा का विषय बन चुका है.

एकेएस/वीसी