2एनएम चिप उत्पादन भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

New Delhi, 20 सितंबर . केंद्र Government के अनुसार, India ‘डिवाइस असेंबली’ से एडवांस्ड डिजाइन और चिप मैन्युफैक्चरिंग की ओर बढ़ रहा है और आगामी 2एनएम चिप उत्पादन ‘मील का पत्थर’, तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Union Minister अश्विनी वैष्णव ने इस सप्ताह Bengaluru में एआरएम के नए सेमीकंडक्टर डिजाइन कार्यालय का उद्घाटन किया. यह कार्यालय नेक्स्ट-जेनेरेशन 2 नैनोमीटर चिप टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो India की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

India में पहली बार 2एनएम चिप डिजाइन किया जा रहा है. यह तकनीक एआई, मोबाइल कंप्यूटिंग और हाई- परफॉर्मेंस सिस्टम में नेक्स्ट-जेनेरेशन डिवाइस को सपोर्ट करेगी.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “पतली चिप्स का मतलब कम जगह में अधिक प्रोसेसिंग क्षमता और हल्के उत्पाद हैं. छोटे ट्रांजिस्टर बेहतर दक्षता और कम बिजली खपत की अनुमति देते हैं. वे राष्ट्रीय सुरक्षा, स्पेस एक्सप्लोरेशन और डिफेंस एप्लीकेशन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं.”

बयान के अनुसार, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत स्वीकृत कुल परियोजनाओं की संख्या अब छह राज्यों में 10 हो गई है, जिसमें कुल 1.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन में 76,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है.

मई 2025 में Union Minister वैष्णव ने नोएडा और Bengaluru में दो स्टेट-ऑफ-द-आर्ट सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर का उद्घाटन किया. ये एडवांस्ड 3-नैनोमीटर चिप डिजाइन पर केंद्रित India के पहले सेंटर हैं.

Union Minister ने कहा कि जबकि India ने पहले 7एनएम और 5एनएम डिज़ाइन हासिल कर लिए थे, 3एनएम तक पहुंचना इनोवेशन में एक नया मोड़ है. India अब 2एनएम चिप तकनीक की ओर बढ़ रहा है.

ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि India का घरेलू बाजार 2030 तक 100-110 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत समर्थित घरेलू स्टार्टअप चिप डिजाइन को गति दे रहे हैं. कम से कम 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 72 कंपनियां अब एडवांस्ड डिजाइन टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं.

25 संस्थानों की टीमों द्वारा 28 चिप्स के टेप आउट होने के साथ स्टूडेंट इनोवेशन भी बढ़ रहा है. लगभग 278 संस्थान और विश्वविद्यालय सेमीकंडक्टर डिजाइन और रिसर्च में लगे हुए हैं, जिससे एक बड़े टैलेंट पूल का निर्माण हो रहा है.

एसकेटी/