झारखंड हाईकोर्ट से दीपक प्रकाश को बड़ी राहत, राजद्रोह मामले में दर्ज एफआईआर रद्द

रांची, 19 सितंबर . राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को Jharkhand हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. वर्ष 2020 में Jharkhand की हेमंत सोरेन Government को गिराने के कथित बयान को लेकर उनके खिलाफ राज्य के दुमका नगर थाने में राजद्रोह सहित कई अन्य धाराओं में दर्ज First Information Report रद्द कर दी गई है.

जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने दीपक प्रकाश की ओर से इस मामले में दायर क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई के बाद Friday को आदेश पारित किया. यह प्रकरण वर्ष 2020 में दुमका विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान का है. उस समय दीपक प्रकाश भारतीय जनता पार्टी के Jharkhand प्रदेश अध्यक्ष थे.

आरोप के मुताबिक, उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान दुमका में मीडिया से बातचीत में दावा किया था कि “झामुमो के कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और तीन महीने के भीतर राज्य की हेमंत सोरेन Government गिरा दी जाएगी.”

इस बयान को लेकर Political हलचल तेज हो गई थी. कांग्रेस के तत्कालीन दुमका जिला अध्यक्ष ने दीपक प्रकाश के इस बयान के खिलाफ नगर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. इसके आधार पर कांड संख्या 298/2020 दर्ज हुई थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन Government को गिराने का आपराधिक षड्यंत्र रचा और भड़काऊ बयान दिया.

इस शिकायत पर दर्ज First Information Report में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (राजद्रोह) की धाराएं लगाई गई थीं. दीपक प्रकाश ने प्राथमिकी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में क्वैशिंग याचिका दायर की थी. उनकी ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और सागर कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत में अपनी दलील में कहा कि सांसद द्वारा दिया गया बयान Political संदर्भ में था और इसे देशद्रोह या अन्य अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.

एसएनसी/डीएससी