New Delhi, 19 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने Friday को कहा कि नए GST सुधार केवल तकनीकी बदलाव नहीं हैं, बल्कि जीवन, व्यापार और निवेश में सुगमता को बढ़ाने के लिए साहसिक कदम हैं.
Prime Minister मोदी ने कहा, “नए GST सुधार रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों और पैकेजिंग पर टैक्स कम करके किराने के सामान को ज्यादा किफायती बनाते हैं और एमएसएमई को बढ़ावा देते हैं. साथ ही, इससे किसानों को भी समर्थन मिलता है और India की वैश्विक खाद्य प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होता हैं.”
Prime Minister मोदी ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर Union Minister चिराग पासवान द्वारा GST 2.0 सुधारों पर लिखे गए एक आर्टिकल पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बयान दिया.
नए GST सुधार त्योहारी सीजन से ठीक पहले 22 सितंबर से लागू होंगे और देश भर के बाजारों में बिकने वाली 90 प्रतिशत से ज्यादा वस्तुओं की कीमतों को कम करेंगे.
Union Minister पासवान ने आर्टिकल में कहा, “Prime Minister मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में दिवाली तक अगली पीढ़ी के वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों का वादा किया था. 22 सितंबर से, यह वादा देशभर के किराने के बिलों में दिखाई देगा.”
आर्टिकल में बताया गया कि अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मिल्क, पैकेज्ड पनीर और सभी आम भारतीय ब्रेड पर 0 प्रतिशत GST है. बिस्कुट, नमकीन, नाश्ते के अनाज और कॉफी सहित अधिकांश प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत GST है, जिसका उद्देश्य खाद्य पदार्थों को किफायती बनाना, स्पष्ट वर्गीकरण और दर की निश्चितता प्रदान करना, और उद्योगों को पैमाने और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देना है.
आर्टिकल में आगे कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि ये बदलाव ऐसे समय में आ रहे हैं जब India का खाद्य क्षेत्र बढ़ती आय, शहरीकरण और युवा, स्वास्थ्य और सुविधा चाहने वाली आबादी के कारण ऐतिहासिक विस्तार में प्रवेश कर रहा है.
इन सुधारों का लाभ परिवारों को तुरंत मिलेगा. विभिन्न जरूरी वस्तुओं पर 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत का टैक्स परिवारों को स्वच्छता या पोषण से समझौता किए बिना मासिक खर्च कम करता है. रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों पर कम अप्रत्यक्ष कर से हर महीने ज्यादा खर्च करने लायक आय बचती है. जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा कीमतों को समायोजित करती है, उपभोक्ता आधुनिक दिनचर्या के अनुकूल फोर्टिफाइड, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट विकल्पों में ज्यादा उम्मीद कर सकते हैं.
GST में कमी से एमएसएमई और किसानों को भी फायदा होगा. खाद्य प्रसंस्करण किसानों की आय को देश के पोषण से जोड़ता है.
चिराग पासवान ने कहा कि किफायती प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ दूध, अनाज, फलों और मसालों की साल भर की खरीद को बढ़ाते हैं, बर्बादी को कम करते हैं और बेहतर मूल्य प्राप्ति में मदद करते हैं.
–
एबीएस/