New Delhi, 19 सितंबर . दिल्ली Police की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने करोड़ों रुपए के स्टॉक मार्केट फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों पर निवेशकों से फर्जी आईपीओ फंडिंग और स्टॉक मार्केट योजनाओं के नाम पर लगभग 6 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है.
आरोपियों की पहचान कुलवंत सिंह और देवेन्द्र सिंह के रूप में हुई है. दोनों आरोपी संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट्स के लिए अकाउंट होल्डर के रूप में काम करते थे.
इंस्पेक्टर मंजीत कुमार के नेतृत्व और एसीपी रमेश लांबा के पर्यवेक्षण में गठित टीम ने तकनीकी जांच के आधार पर इन आरोपियों को दबोचा. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अपने बैंक खातों का उपयोग करके ठगी के पैसों को अलग-अलग खातों में घुमाया और मनी लॉन्ड्रिंग को आसान बनाया.
इन खातों में अखिल भारतीय गरीब जन सेवा ट्रस्ट का चालू खाता भी शामिल था, जिसके जरिए अब तक 20 लाख रुपए ट्रांजैक्ट होने की पुष्टि हुई है. यह ट्रस्ट विधिवत पंजीकृत एनजीओ के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था और उसका खाता साइबर अपराधियों द्वारा शोषित किया गया. इस खाते से जुड़ी 10 शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज हैं.
आरोपी social media और व्हाट्सएप के जरिए लोगों से संपर्क करते थे. फिर उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए उकसाते थे. निवेशकों को ऑनलाइन ग्रुप्स में जोड़कर नकली मुनाफा दिखाया जाता था. जब लोग अपने पैसे निकालने की कोशिश करते, तो धोखेबाज बहाने बनाकर या धमकाकर भुगतान रोक देते. ठगी के पैसे को कई बैंक खातों में घुमाकर उसका असली स्रोत छुपाया जाता था. आरोपी कुलवंत और देवेंद्र ने अपने ट्रस्ट के बैंक खाते इसके लिए दिए, जिसके बदले उन्हें हर महीने 30,000 रुपये और हर ट्रांजैक्शन पर 5% कमीशन मिलता था.
जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता से करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी हुई. Police ने 30 बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें एक ट्रस्ट का खाता मुख्य था. आरोपी पेशेवर तरीके से अकाउंट प्रोवाइडर के रूप में काम करते थे. उन्होंने ट्रस्ट रजिस्टर करवाकर जानबूझकर चालू खाते खोले ताकि पैसे का असली स्रोत छुपाया जा सके. इसके लिए उन्होंने ठगों को चेकबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की पूरी जानकारी दे दी थी.
दिल्ली Police की साइबर सेल का कहना है कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी से संगठित साइबर अपराधियों की एक अहम कड़ी टूट गई है. आरोपियों के बैंक खाते पूरे India में पीड़ितों से लूटे गए पैसों को घुमाने और ठगने का प्रमुख जरिया बने हुए थे. आगे की जांच जारी है और Police इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
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पीएसके