Mumbai , 19 सितंबर . अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) पर Friday को ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने ‘ओवरवेट’ की सलाह दी और 818 रुपए का टारगेट प्राइस दिया, जो कि आखिरी कारोबारी सत्र की क्लोजिंग से 29 प्रतिशत अधिक है.
ब्रोकरेज ने एक नोट में कहा कि अदाणी पावर India के कॉरपोरेट इतिहास में टर्नअराउंड का एक अच्छा उदाहरण है, जिसमें अधिकांश नियामक मुद्दों का समाधान और कई वैल्यू क्रिएट करने वाले अधिग्रहण शामिल हैं.”
ब्रोकरेज ने कहा, “एपीएल परियोजनाओं के समय पर पूरा होने और मध्यम अवधि में ज्यादा पीपीए हासिल करने से मजबूत आय वृद्धि दर्ज करेगी.”
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि नए कोयला बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) से निवेशकों का कंपनी की आय क्षमता में विश्वास बढ़ेगा.
ग्लोबल ब्रोकरेज ने अपने अनुमान में कहा, वित्तीय वर्ष 33 तक कंपनी का ईबीआईटीडीए 2.5 गुना या 3 गुना तक बढ़ जाएगा.
ब्रोकरेज फर्म के नोट के अनुसार, “हमारा मानना है कि कोयला India की ऊर्जा सुरक्षा में अहम है, और अगले दशक में परमाणु ऊर्जा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. India 32वीं पंचवर्षीय योजना तक 80 गीगावाट कोयला उत्पादन क्षमता जोड़ने की योजना बना रहा है और वर्तमान में 20 गीगावाट के बड़े बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पाइपलाइन में हैं.”
सुबह के कारोबार में शेयर लगभग 7-8 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था. अदाणी पावर के शेयर पिछले सत्र में 0.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे.
अदाणी पावर India की सबसे बड़ी स्वतंत्र बिजली उत्पादक और दूसरी सबसे बड़ी बिजली उत्पादक (एनटीपीसी के बाद) है, जिसकी कोयला और उत्पादन दोनों में 8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
ब्रोकरेज ने कहा, “हमारा अनुमान है कि 41.9 गीगावाट (एफ25 की तुलना में 2.5 गुना) पोर्टफोलियो के साथ एफ32ई तक इसकी बाजार हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. एपीएल ने अधिकांश नियामक मुद्दों का अनुकूल समाधान निकाल लिया है और इसकी बैलेंस शीट मजबूत है. हमें उम्मीद है कि 23.7 गीगावाट की अतिरिक्त क्षमता के लिए इसके 27 अरब डॉलर के पूंजीगत व्यय का 60-65 प्रतिशत आंतरिक स्रोतों से पूरा किया जाएगा.”
परियोजनाओं का समय पर पूरा होना (भूमि अधिग्रहण, बॉयलर-टरबाइन-जनरेटर के ऑर्डर, अदाणी समूह द्वारा निर्माण कार्य, और कम बाहरी ऋण) और पीपीए पर हस्ताक्षर होने से आय में वृद्धि होगी.
ब्रोकरेज के नोट में कहा, “अगर एपीएल का मर्चेंट पोर्टफोलियो वर्तमान 20 प्रतिशत से कम हो जाता है और हाल ही में अधिग्रहित 2.9 गीगावाट बिजली संयंत्रों की लाभप्रदता में सुधार होता है, तो हमें अपने अनुमानों में वृद्धि की उम्मीद है.”
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एबीएस/