New Delhi, 18 सितंबर . कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने Thursday को चुनाव आयोग के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें यह कहा गया है कि Lok Sabha में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से वोट चोरी के संबंध में दिया गया बयान तथ्यहीन है.
पवन खेड़ा ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि क्या यह तथ्य नहीं है कि हमारे उम्मीदवार बीआर पाटिल को 300 पिटीशन दाखिल करने के बाद चुनाव आयोग को प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी? क्या यह तथ्य नहीं है कि चुनाव आयोग सीबीआई की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है? क्या यह तथ्य नहीं है कि चुनाव आयोग को रंगे हाथों पकड़ा गया?
कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां पर मुद्दा हार-जीत का नहीं है, बल्कि मुद्दा पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया का है. हम यहां पर हारने पर नहीं, बल्कि जीतने पर भी सवाल उठाते हैं. इस बात की प्रबल संभावना हो सकती थी कि हम लोग अधिक मार्जिन पर चुनाव जीत सकते थे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. लिहाजा, कुल मिलाकर मैं यही कहना चाहूंगा कि चुनाव आयोग यह नहीं कह सकता है कि कांग्रेस वाले चुनाव हारने पर ही सवाल उठाते हैं. सच्चाई यह है कि हम लोग जीतने पर भी सवाल उठाते हैं. इसके अलावा, मैं एक बात यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यहां पर हार-जीत मुद्दा नहीं है, बल्कि यहां पर स्वच्छ चुनाव प्रक्रिया मुद्दा रहा है.
साथ ही, उन्होंने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर पर भी कटाक्ष किया और कहा कि अनुराग ठाकुर को यह पता करना चाहिए कि उनकी पार्टी में उनके पीछे कौन पड़ा हुआ है? उनके खिलाफ पार्टी में साजिश हो रही है. पहले उन्हें साजिशन कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया. इसके बाद अब उनकी सांसदी छीनने की कोशिश की जा रही है. मैं तो कहूंगा कि पार्टी में ही उनके खिलाफ किसी ने सुपारी ली है, जिसके बारे में उन्हें पता करना चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने पता नहीं किया, तो निश्चित तौर पर उनके आगामी दिनों में स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
उन्होंने अनुराग ठाकुर की ओर संकेत करते हुए कहा कि सबसे पहले उन्हें यह समझना चाहिए कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेसवार्ता में किसी का भी नाम नहीं लिया. ना ही उन्होंने भाजपा का नाम लिया और ना ही इनकी पार्टी के किसी नेता का नाम लिया. इसके बावजूद भी पता नहीं ये लोग क्यों हल्ला मचा रहे हैं.
इसके अलावा, उन्होंने घुसपैठियों को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि ये लोग घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. लेकिन, मैं समझता हूं कि देश के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी किसके पास है, जिसके पास है, उसकी जिम्मेदारी बनती है.
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एसएचके/जीकेटी