ढाका, 18 सितंबर. बांग्लादेश की पूर्व Prime Minister शेख हसीना और उनके परिवार के कई सदस्य अगले साल होने वाले चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे. उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.
निर्वाचन आयोग (ईसी) के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने Wednesday को पत्रकारों से कहा कि जिन लोगों का राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) ब्लॉक है, वे विदेश से वोट नहीं डाल सकेंगे. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने मुकदमों या अन्य कारणों से देश छोड़ा है, वे वोट डाल सकते हैं, बशर्ते उनका एनआईडी ब्लॉक न हो.
उन्होंने कहा कि विदेश से वोट देने के लिए एनआईडी नंबर के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा. पासपोर्ट से यह काम नहीं होगा. अगर किसी का एनआईडी ब्लॉक है, तो वे रजिस्टर नहीं कर सकते और वोट नहीं डाल पाएंगे. केवल एनआईडी के साथ रजिस्टर करने वालों को ही यह मौका मिलेगा.
जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना वोट दे पाएंगी, तो उन्होंने कहा, “वह वोट नहीं दे पाएंगी, क्योंकि उनका एनआईडी ब्लॉक कर दिया गया है.”
राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग ने अपने महानिदेशक, एएसएम हुमायूं कबीर के मौखिक निर्देश के बाद हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों की एनआईडी को ‘लॉक’ कर दिया था.
परिवार के सदस्यों में शेख रेहाना सिद्दीकी, सजीब वाजेद जॉय, साइमा वाजेद, शाहनाज सिद्दीकी, बुशरा सिद्दीकी, ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीकी, अजमीरा सिद्दीकी, राडवान मुजीब सिद्दीकी और तारिक अहमद सिद्दीकी शामिल हैं.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई की शुरुआत में चुनाव आयोग ने देश में पार्टी के दशकों पुराने Political अस्तित्व को समाप्त करने के प्रयास में हसीना की अवामी लीग पार्टी के चुनाव चिन्ह को अपनी वेबसाइट से हटा दिया था.
12 मई को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government ने एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध ‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम’ के तहत तब तक लगाया गया है जब तक कि बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं हो जाता.
विश्लेषकों का मानना है कि यह ताजा घटनाक्रम पूर्व Prime Minister हसीना और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government द्वारा की जा रही Political प्रतिशोध की कार्रवाई का विस्तार है, जिसमें अवामी लीग को राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेने से दूर रखने की बड़ी योजना है.
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पीएसके