कोलकाता, 17 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने Wednesday को बैंक धोखाधड़ी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की है.
Enforcement Directorate (ईडी), कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. इनमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद एवं अंडमान एवं निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबीएल) के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा, प्रबंध निदेशक (एएनएससीबीएल) के मुरुगन और ऋण अधिकारी (एएनएससीबीएल) के. कलैवानन हैं.
पीएमएलए के तहत विशेष न्यायालय ने कुलदीप राय शर्मा और के कलैवानन को 8 दिनों की अवधि के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ईडी द्वारा की गई ये पहली गिरफ्तारियां हैं. ईडी ने अंडमान और निकोबार Police के अपराध एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा बैंक के विभिन्न निजी व्यक्तियों और अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की.
यह मामला अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी से संबंधित है, जिनमें कुलदीप राय शर्मा और बैंक ऋण स्वीकृत करने के लिए जिम्मेदार अन्य लोग शामिल हैं. इन व्यक्तियों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कई फर्जी कंपनियां बनाईं और बैंक के नियमों और निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए उन्हें और अपनी नियमित संस्थाओं को बड़े ऋण स्वीकृत किए, जिनका एकमात्र उद्देश्य धनराशि न चुकाना था, जिससे बैंक को नुकसान हुआ और उन्होंने स्वयं लाभ कमाया.
अब तक की गई जांच से संकेत मिलता है कि बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए विभिन्न फर्मों और फर्जी कंपनियों के नाम पर 100 से अधिक ऋण खातों के माध्यम से ऋण सुविधाएं स्वीकृत की गईं और धोखाधड़ी व एनपीए में शामिल राशि 500 करोड़ रुपए से अधिक है. अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य यह भी दर्शाते हैं कि कुलदीप राय शर्मा और प्रबंध निदेशक एवं ऋण अधिकारी सहित उनके सहयोगियों के लाभ के लिए धोखाधड़ी से लगभग 230 करोड़ रुपए की ऋण राशि ली गई थी.
ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि एमडी के. मुरुगन और ऋण अधिकारी के. कलैवानन ने भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर गठित कंपनियों के नाम पर बैंक से धोखाधड़ी से ऋण लिया. उन्होंने अपने सहयोगियों को 5 प्रतिशत कमीशन के बदले कई ऋण प्राप्त करने में मदद की, जो कुलदीप राय शर्मा के निर्देश पर दिए गए थे. कमीशन की राशि या तो नकद के रूप में या शेल कंपनियों के खातों का उपयोग करके सहयोगियों के माध्यम से ली गई थी.
इसके अलावा, बैंक निधियों के डायवर्जन के संबंध में पहले की गई तलाशी के क्रम में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तीन परिसरों में तलाशी ली जा रही है. इस मामले में, इससे पहले 31 जुलाई 2025 और 01 अगस्त को 21 परिसरों में तलाशी ली गई थी, जिनमें कुलदीप राय शर्मा द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलीभगत से बनाई गई शेल कंपनियों के परिसर भी शामिल थे. जांच से पता चला है कि ऋण राशि को कई फर्जी संस्थाओं के माध्यम से डायवर्ट और गबन किया गया था और इन ऋणों का एक बड़ा हिस्सा नकद में निकाला गया था और कुलदीप राय शर्मा सहित वरिष्ठ बैंक अधिकारियों को शेयर के रूप में भुगतान किया गया था.
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एएसएच/डीकेपी