सुबह का पहला घूंट बदल देगा आपकी जिंदगी! आयुर्वेद से जानिए असली हेल्थ हैक

New Delhi, 17 सितंबर . दिन का पहला घूंट बहुत मायने रखता है. रात भर आराम करने के बाद शरीर एक नई ऊर्जा के साथ दिन की शुरुआत करने के लिए तैयार होता है. ऐसे में सुबह उठने के बाद आप सबसे पहले जो भी पीते हैं, वो आपके स्वास्थ्य और दिनचर्या पर सीधा असर डालता है.

आयुर्वेद में विशेष रूप से खाली पेट गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसे केवल एक साधारण आदत न मानकर एक तरह का शरीर रीसेट समझा जा सकता है. यह क्रिया हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों (अमा) को बाहर निकालने, पाचन क्रिया को जाग्रत करने और पूरे तंत्र को संतुलित करने का काम करती है.

नींद के दौरान शरीर आराम की अवस्था में होता है और इस समय पाचन प्रक्रिया भी धीमी पड़ जाती है. सुबह उठते ही यदि हम एक गिलास गर्म पानी पीते हैं तो यह हमारे पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है. पाचन अग्नि यानी जठराग्नि ही वह शक्ति है, जो भोजन को सही ढंग से पचाकर उसे रस, रक्त, मांस और ऊर्जा में परिवर्तित करती है. जब यह अग्नि मंद हो जाती है तो शरीर में अपच, कब्ज और थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. गर्म पानी इस अग्नि को संतुलित करता है और पूरे दिन भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है.

गर्म पानी का एक और बड़ा लाभ है, डिटॉक्सिफिकेशन यानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना. आयुर्वेद के अनुसार अमा ही रोगों की जड़ है. जब शरीर में पच न पाए भोजन या गंदगी जमा हो जाती है तो वह धीरे-धीरे बीमारियों का कारण बनती है. सुबह-सुबह एक गिलास गर्म पानी पीने से यह अमा गलकर शरीर से बाहर निकलने लगती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है और अंग स्वस्थ रहते हैं.

इसके साथ ही, यह आदत शरीर को धीरे-धीरे हाइड्रेट करने का भी काम करती है. रातभर सोने के बाद शरीर हल्की डिहाइड्रेशन की स्थिति में आ जाता है. सीधे ठंडा पानी पीने से शरीर पर झटका पड़ सकता है, जबकि गुनगुना पानी सहजता से अवशोषित होता है और अंगों को संतुलित रूप से तरल प्रदान करता है.

मानसिक दृष्टि से भी दिन की शुरुआत इस छोटे से उपाय से करने पर एक सकारात्मक प्रभाव महसूस होता है. यह क्रिया मन को स्थिर करती है और दिन की व्यस्तताओं के लिए तैयार करती है. कहा जाता है कि सुबह का पहला कर्म ही पूरे दिन की लय तय करता है, इसलिए गर्म पानी का पहला घूंट वास्तव में एक रीसेट बटन की तरह काम करता है.

पीआईएम/एबीएम