सनातन संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा, समाज और सुरक्षा समाज की प्राथमिकता: सतगुरु रितेश्वर महाराज

नोएडा, 16 सितंबर . जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के एक बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है. उत्तर प्रदेश के मेरठ में रामकथा के दौरान उन्होंने कहा, “मुस्लिम महिलाओं से 25 बच्चे पैदा कराते हैं और फिर तीन तलाक देकर उन्हें छोड़ देते हैं. हमारे यहां महिलाओं को देवी माना जाता है.”

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सतगुरु रितेश्वर जी महाराज ने कहा, “मैं इसे पूरी तरह से सही नहीं मानता, लेकिन यह सत्य है कि हमारे सनातन संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है. हम नारी की पूजा करते हैं, लेकिन क्या आपके आसपास सभी नारियों की पूजा होती है?”

उन्होंने आगे कहा कि सिद्धांत तो यह है कि नारी पूजनीय है, पर समाज में कई खामियां मौजूद हैं. इन खामियों को दूर करना समाज के जिम्मेदार लोगों, मीडिया, नेताओं और धर्मगुरुओं का कर्तव्य है. महिलाओं के प्रति अन्याय को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.

उन्होंने आगे कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. हमारी संस्कृति नारी को मां, बहन और देवी के रूप में देखती है, लेकिन व्यावहारिक रूप से हमें इन मूल्यों को लागू करने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है.

इस बीच, सतगुरु रितेश्वर ने Prime Minister Narendra Modi के 75वें जन्मदिन पर उनकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी सनातन संस्कृति के प्रबल समर्थक हैं. वे धर्म और संस्कृति के पक्ष में खड़े होते हैं, जिसके कारण लाखों लोग उनके साथ हैं. एक साधु के रूप में मैं देखता हूं कि उन्होंने कभी अपने परिवार को लाभ पहुंचाने का प्रयास नहीं किया. उनके लिए पूरा India ही उनका परिवार है. क्या हमें उनकी इस निस्वार्थ सेवा की तारीफ नहीं करनी चाहिए?”

रितेश्वर महाराज ने पीएम मोदी की सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा, “15 अगस्त को लाल किले से जनसांख्यिकी जैसे गंभीर मुद्दे पर बोलने का साहस दिखाने वाला Prime Minister दुर्लभ है. पीएम मोदी ने सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मैं ईश्वर से उनकी लंबी आयु और India को निरंतर नेतृत्व प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.”

एकेएस/डीएससी